scriptआपकी बात…क्या एक व्यक्ति के एक से ज्यादा स्थानों पर चुनाव लड़ने पर रोक लगनी चाहिए ? | Patrika News
ओपिनियन

आपकी बात…क्या एक व्यक्ति के एक से ज्यादा स्थानों पर चुनाव लड़ने पर रोक लगनी चाहिए ?

पाठकों की मिलीजुली प्रतिक्रियाएं मिलीं, पेश है चुनींदा प्रतिक्रियाएं…

जयपुरMay 07, 2024 / 03:45 pm

विकास माथुर

ELECTION 2 SEATS

ELECTION 2 SEATS

प्रभावशालिता दिखाने का माध्यम
चुनाव मे किसी एक व्यक्ति के एक से ज्यादा स्थानों नामांकन भरना अपनी प्रभावशालिता दिखाने का जरिया होता है। ऐसा कदम उस समय भी उठाया जाता है जब किसी पार्टी मे कोई दमदार नेता नही होता है। ऐसा करने से सामने वाले प्रतिद्वंद्वी का मनोबल भी गिराया जाता है। ऐसा नही होना चाहिए।
अशोक कुमार शर्मा, जयपुर
……………………………………………………..
एक व्यक्ति, एक निर्वाचन क्षेत्र का फार्मूला हो लागू
“एक व्यक्ति, एक निर्वाचन क्षेत्र” का फॉर्मूला लागू होना चाहिये। एक से अधिक निर्वाचन क्षेत्रों से चुनाव लडने पर अधिक सीटों पर जीतता है तो एक सीट छोडकर अन्य सीट को छोडना होता है। वहां दोबारा चुनाव होते हैं, जिससे सरकार का अतिरिक्त व्यय होता है और नागरिकों का समय खराब होता है। इसलिए एक से अधिक सीटों पर चुनाव लडने पर रोक लगनी चाहिए।
— शंकर गिरि, रावतसर, हनुमानगढ
………………………………………………………
मतदाता ठगा सा करता है महसूस
एक व्यक्ति के एक से ज्यादा स्थानों पर चुनाव लड़ने पर रोक लगनी चाहिए। इससे देश के धन के दुरुपयोग के साथ जनता के समय की बर्बादी भी रुकेगी। अधिक स्थानों पर जीत के बाद छोडी गई सीट पर पुनर्मतदान करवाना होता है। ऐसे में मतदाता ठगा सा महसूस करता है कि जिसे उसने वोट दिया था, वह सीट छोडकर चला गया। फिर से उसे नए सिरे से प्रत्याशी को चुनना पडेगा।
— आशुतोष शर्मा, जयपुर
……………………………………………………
लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम में हो संशोधन
बडे राजनीतिक कद के नेता अपनी जीत सुनिश्चित करने के लिए एक से अधिक स्थानों से चुनाव लड़ते हैं। उन्हें मतदाताओं एवं स्वयं पर विश्वास नहीं होता है कि वह चुनाव में एक ही सीट पर पक्का जीत दर्ज करेंगे। जिस सीट को प्रत्याशी छोड़ते हैं उस क्षेत्र के मतदाताओं के प्रति सरासर विश्वास घात व धोखा है। मतदाताओं ने विश्वास करके अपना समय व श्रम लगाकर प्रत्याशी को जिताया और जीतने के बाद प्रत्याशी ने सीट छोड़ दी यह लोकतंत्र के मुंह पर करारा तमाचा है। पुनर्मतदान में मानव संसाधन, समय व धन की बर्बादी होती है। पुनः आचार संहिता लग जाने से वहां कई योजनाएं एवं विकास कार्य भी लंबित हो जाते हैं। लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम में संशोधन हो और एक से अधिक सीटों से चुनाव लड़ने का अधिकार समाप्त होना चाहिए।
— अरविंद जैन “बीमा”, उज्जैन
………………………………………………
एक जगह से चुनाव लड़ने में जनता की भलाई
चुनावों में प्रत्याशी को एक ही जगह से चुनाव में भाग लेना चाहिए। एक ही स्थान पर चुनाव जीतने से वह उस क्षेत्र के विकास पर पूरा ध्यान देगा। जनता को पहचानेगा व उनकी समस्याओं पर विचार कर उन्हें सुलझाने पर जोर देगा। इससे अन्य प्रत्याशी को भी अवसर मिल सकेगा। ऐसा करना राज्य व राष्ट्र के विकास में भी सहायक होग़ा.
— बंदना कुमारी, बैंगलोर
…………………………………………………
एक व्यक्ति एक ही स्थान से चुनाव लड़े
एक व्यक्ति का अधिक जगह से चुनाव लड़ना जनता के प्रति अनुत्तरदायित्वता दर्शाता है। यदि वह एक जगह मतदाता उसे अस्वीकार कर देते हैं तो उसे मंत्री बनने की दावेदारी पेश नहीं करनी चाहिए। दो जगह से चुनाव लडना स्वस्थ लोकतंत्र का प्रतीक नहीं है।
— डॉ कुमेर सिंह गुर्जर, गुढ़ाचंद्रजी राजस्थान
………………………………………………
एक ही सीट पर से चुनाव लडने की हो अनुमति
लोकसभा चुनावों में एक से अधिक सीटों पर चुनाव जीतने पर जिस सीट को वह रिक्त करता है, उसका दोबारा चुनाव होने पर उसक संपूर्ण व्यय उस प्रत्याशी को भरना चाहिए। दोबारा चुनाव होने पर चुनाव आयोग का धन, कर्मचारियों का समय व जनता को भी परेशानी होती है। इसलिए प्रत्याशी को एक ही सीट पर से चुनाव लडने की अनुमति देनी चाहिए।
— स्वप्निल शर्मा, मनावर, धार, मध्य प्रदेश
………………………………………………
मौजूदा कानून में हो संशोधन
उम्मीदवार दो सीटों से चुनाव लड़कर दोनों जगह से जीतने के बाद एक सीट छोड़ देता है तो वहां उपचुनाव करवाना पड़ता है। जो चुनाव प्रक्रिया के खर्च में अनावश्यक वृद्धि का कारण तो बनता ही है, साथ ही बार-बार चुनाव होने से मतदाताओं में चुनाव के प्रति अरुचि भी पैदा होती है। दोहरी उम्मीदवारी निष्पक्ष और समान प्रतिनिधित्व के सिद्धान्त को कमजोर करती है। इसलिए सरकार को मौजूदा कानूनों में संशोधन करके एक उम्मीदवार, एक निर्वाचन क्षेत्र में विस्तारित किया जाना चाहिए।
— प्रकाश भगत, कुचामन सिटी, नागौर
………………………………………………….
एक से अधिक स्थानों पर चुनाव लडने पर हो प्रतिबंध
एक व्यक्ति के एक से ज्यादा स्थान पर चुनाव लड़ने पर प्रतिबंध लगना चाहिए। इसके लिए जन प्रतिनिधित्व कानून में संशोधन कर-“एक उम्मीदवार एक सीट” का प्रावधान करना चाहिए। एक से अधिक स्थान पर प्रत्याशी खड़े हो जाते हैं ,और यदि एक से अधिक स्थान पर जीत जाएं तो वह एक सीट छोड़कर इस्तीफा दे देते हैं जिससे चुनावी खर्च बढ़ जाते हैं। राजनीतिक शुचिता और लोकतंत्र की मजबूती के लिए “एक उम्मीदवार- एक सीट ” ही देश के हित में है।
— सतीश उपाध्याय मनेंद्रगढ़ एमसीबी छत्तीसगढ़
………………………………………………….
जनता के बजाय अपनी जीत की संभावनाएं तलाशना
एक व्यक्ति का एक से अधिक स्थानों से चुनाव लड़ना जनता की सेवा की बजाय अपने जीतने की संभावनाओं को तलाशना अधिक नज़र आता है। लोकतांत्रिक प्रणाली में यह जनता के साथ उचित प्रतीत नहीं होता, इस पर रोक लगानी चाहिए।
विनायक गोयल, रतलाम, मध्यप्रदेश
………………………………………………
राजकोष पर बढ़ता है भार
एक ही उम्मीदवार के एक से अधिक स्थानों से चुनाव लड़ने पर प्रतिबंध लगना चाहिए। क्योंकि दोनों स्थानों से विजयी होने पर एक सीट रिक्त हो जाती है और वहां पर फिर से उपचुनाव होता है। इस प्रक्रिया में राजकोष पर भार बढ़ता है एवं प्रशासनिक अमला रूटिंग कार्यों को छोड़कर फिर से चुनावी तैयारियों में व्यस्त हो जाता है।
— ललित महालकरी, इंदौर
…………………………………………………

Hindi News/ Prime / Opinion / आपकी बात…क्या एक व्यक्ति के एक से ज्यादा स्थानों पर चुनाव लड़ने पर रोक लगनी चाहिए ?

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो