जिला अस्पताल की एडीएसआईसी डॉ. अलका शर्मा ने बताया कि खांसी, जुकाम व बुखार के मरीज बढ़ रहे हैं। मौसम बदलने व खाने-पीने में अनदेखी करने के चलते यह समस्या आ रही है। जैसे ही मौसम में परिवर्तन हुआ है वैसे ही लोगों ने ठंडा पानी व ठंडी चीजों का सेवन शुरू किया, जिससे खांसी व जुकाम की परेशानी होने लगी। बच्चों को चॉकलेट टॉफी की बजाय कैंडी या आंवले का मुरब्बा दें। बच्चों की इम्युनिटी को बढ़ाने के लिए तुलसी के पानी का सेवन करवाएं। वहीं, बुजुर्गों को तड़के वाले खाने की बजाय हल्के तड़के वाला खाना दें। दलिया व खिचड़ी का सेवन करवाएं। राजमा व चने बिल्कुल न दें। दिन में एक बार उन्हें धनिया व पुदीने का पानी उबालकर जरूर दें।
बदलते मौसम, धूल मिट्टी के चलते बच्चों में अस्थमा की परेशानी ज्यादा आ रही है। वहीं नाक की एलर्जी, जिससे जल्दी जुकाम होने लगता है। सांस की एलर्जी से खांसी व सांस लेने में दिक्कत बच्चों में देखी जा रही है। जिला अस्पताल में बच्चों की रोजाना 30 से 50 की ओपीडी रहती है, जिसमें इस तरह की परेशानी लेकर ज्यादा मरीज आ रहे हैं। लोगों को धूल-मिट्टी व धुएं वाली जगह पर जाने से बचना चाहिए।
- बीपी के मरीज अलसी की जगह चिया सीड्स लें।
- अदरक वाली चाय ले सकते हैं, लेकिन दालचीनी का प्रयोग न करें। इससे नकसीर के चांस बढ़ जाते हैं।
- शुगर के मरीज आम व केले का सेवन बिल्कुल न करें।
- जिनको किडनी की दिक्कत है वे पनीर या सोयाबीन का सेवन न करें।
जिला अस्पताल में डाइटीशियन रोजी जैदी ने बताया कि अक्सर देखा गया है कि स्कूल से आने के बाद बच्चे ठंडा पानी, जूस व नींबू-पानी का सेवन करते हैं, जिससे हीट स्ट्रोक की शिकायत आती है। अभिभावकों को चाहिए कि वे बच्चों को सादा या फिर मटके का पानी ही पीने को दें। ठंडे खाद्य पदार्थों का सेवन अभी बिल्कुल न करने दें। इसके अलावा बच्चों को तला हुआ खाना, जंक फूड, मियोनॉजी का सेवन बिल्कुल न करवाएं, इससे बलगम बनने के साथ इम्युनिटी कमजोर होती है। बच्चों को जूस की बजाय ज्यादा से ज्यादा फल खाने में दें।