पत्रिका की खबरों पर संज्ञान लेकर लगा था मेला, संस्कारधानी का बना उदाहरणजबलपुर . जिले में कथित निजी स्कूलों की किताब कापियों, शिक्षण सामग्री आदि में लूटखसोट मनमानी और कमीशनखोरी को लेकर पत्रिका द्वारा लगातार खबरों के माध्यम से जनता और प्रशासन के सामने लाने के बाद प्रशासन ने पुस्तक मेला का आयोजन कराया था। यह अब प्रदेश के लिए उदाहरण बन गया है। प्रदेश शासन ने सभी जिला कलेक्टर को पुस्तक मेला कराने की संभावना तलाशने और शीघ्र आयोजन करने के लिए दिशा निर्देश जारी किया है। इसमें न्यूनतम तीन दिवसीय मेला के आयोजन का निर्देश है।
अभिभावकों को राहत उल्लेखनीय है कि जबलपुर में कलेक्टर दीपक सक्सेना ने अभिभावकों के हित में शिक्षा का अवैध गठजोड़ तोडऩे की कार्रवाई के साथ ही बुक फेयर लगाकर अभिभावकों को राहत दी गई। अब उनकी यह पहल प्रदेश भर में लागू की जा रही है। जबलपुर में आयोजित किए गए बुक फेयर की तर्ज पर प्रदेश के सभी जिलों में इसका आयोजन किया जाएगा।
कलेक्टर्स को आदेश जारी उप सचिव मध्य प्रदेश शासन स्कूल शिक्षा विभाग मंजूषा विक्रांत राय ने इसके आदेश प्रदेश के सभी जिला कलेक्टरों को शनिवार को जारी किए हैं। आदेश में जिला कलेक्टरों को कहा गया है कि निजी विद्यालयों के लिए स्कूल शिक्षा विभाग का मध्य प्रदेश निजी विद्यालय अधिनियम 2017 एवं मध्य प्रदेश निजी विद्यालय नियम-2020 प्रभावशील है।
जिले में हुआ था पांच दिनी आयोजन गौरतलब है कि जबलपुर में आयोजित किए गए पुस्तक मेले का आयोजन पांच दिनों तक आयोजित किया गया था। कलेक्टर दीपक सक्सेना से प्रदेश शासन एवं स्कूल शिक्षा विभाग ने इसकी जानकारी मांगी थी। इसे अब प्रदेश के सभी जिलों में लागू किया जा रहा है। कलेक्टर सक्सेना ने बताया कि हम पहले ही इसका आयोजन कर चुके हैं। रिपोर्ट शासन को भी भेजी गई थी जिसके बाद सभी जिलों के लिए यह निर्णय लिया गया है।
हुई थीं शिकायतें प्रदेश के कई जिलों में अब भी इस तरह की शिकायतों को देखते हुए अभिभावकों को राहत दिलाने पुस्तक मेले का आयोजन किए जाएंगे ताकि अभिभावकों उचित मूल्य में चीजें उपलब्ध हो सके। आयोजन को लेकर भारत निर्वाचन आयोग की अनुमति भी अनुमति प्राप्त कर ली गई है
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