इस अवसर पर डॉ. शालिनी रजनीश ने राज्य के दूरस्थ क्षेत्रों में कार्यरत एफपीओ, ओएफपीओ और एसएचजी के सूक्ष्म उद्यमों को मंच प्रदान करने के लिए नाबार्ड के प्रयासों की सराहना की। डॉ. शालिनी रजनीश ने एसएचजी और महिला एफ़पीओ के माध्यम से महिला सशक्तिकरण के लिए नाबार्ड द्वारा किए गए कार्यों को भी रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि यह मेला ‘प्रेरक समावेशन’ थीम के साथ अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस कार्यक्रम का उत्कृष्ट उदाहरण है जिससे अनेक महिला उद्यमी और किसान लाभान्वित होंगे।
नाबार्ड के मुख्य महाप्रबंधक . रमेश ने कहा कि नाबार्ड उत्पादक समूहों का भी संवर्धन कर रहा है जिसके तहत महिला किसानों और कारीगरों को भी किसान उत्पादक संगठनों (एफ़पीओ) और कृषितर उत्पादक संगठनों (ओएफपीओ) के रूप में संगठित करके एक सशक्त समूह के रूप में कृषि व्यापार के साथ-साथ सहायक और गैर कृषि गतिविधियों को लाभकारी बनाने के प्रयास किए जा रहे हैं। नाबार्ड ने अब तक राज्य में 381 एफ़पीओ तथा 05 ओएफपीओ का संवर्धन किया है।
नैबफिïन्स के एमडी डॉ. दिवाकर हेगड़े ने सभी हितधारकों को बधाई देते हुए मेले की सफलता के लिए शुभकामनाएं दीं। एसएलबीसी संयोजक एम भास्कर चक्रवर्ती ने तरंग 2024 को एक प्रभावी मंच बताते हुए नाबार्ड के प्रयासों की सराहना की। इस अवसर पर नाबार्ड द्वारा तैयार पुस्तिका “इन हर स्ट्राइड” का भी विमोचन किया गया।