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गुना। मध्यप्रदेश के गुना शहर में मंगलवार को एक ऐसा नजारा देखने को मिला, जिसे देखकर एक पल के लिए आपकी भी रूह कांप जाए। यहां कलेक्ट्रेट में दो जनजातियों के बीच जमकर खूनी संघर्ष हुआ। दोनों जातियों के लोगों ने एक-दूसरे के ऊपर पत्थर फेंके। लाठियां बरसाईं। महिलाओं ने एक-दूसरे को लात-घूसों से पीटा। सबसे हैरान करने की बात ये है कि इतना सब होता रहा और कलेक्टर समेत करीब 200 लोगों की भीड़ हाथ पर हाथ रखे देखती रही। आइए हम बताते हैं कि क्या था पूरा मामला…
गुना के बजरंगगढ़ थाना के ग्राम गढ़ला में शैतान पारदी की मौत के बाद मामला गंभीर होता जा रहा है,पारदियों और आदिवासियों के बीच रंजिश का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि मंगलवार दोपहर जब दोनों कलेक्ट्रेट में आमने-सामने हुए तो एक दूसरे पर लाठी और पत्थर लेकर टूट पड़े और जमकर हंगामा किया। महिलाओं ने एक दूसरे के बाल पकड़कर मारपीट की। जिसमें एक पारदी महिला घायल हो गई। उसे उपचार के लिए जिला अस्तपाल में भर्ती कराया गया है। कैंट पुलिस ने पारदी महिला की रिपोर्ट पर चार आदिवासियों के खिलाफ मामला दर्ज किया है।
मंगलवार की सुबह आदिवासी अपनी सुरक्षा की गुहार लगाने के लिए कलेक्टे्रट आए थे,वहीं पर कुछ पारदी महिलाएं भी शैतान पारदी की हत्या के मामले में आरोपियों के नाम बढ़वाने और आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर आए थे। दोनों पक्ष कलेक्टे्रट में आमने सामने हुए तो पथराव शुरू कर दिया। एक तरफ से पथराव होते देख दूसरा पक्ष भी सक्रिय हो गया। देखते देखते दोनों पक्षों की महिलाओं में गुथम-गुत्थी हो गई। इसके बाद जमकर मारपीट और पथराव हुआ। इस घटना में अजब बाई पारदी घायल हो गई। मौके पर मौजूद लोगों ने बीच बचाव का प्रयास किया। वहीं कैंट पुलिस को घटना की सूचना की गई। कैंट पुलिस ने फरियादी अजब बाई की रिपोर्ट पर से चार लोगों के खिलाफ मारपीट, गाली गालोंच, जान से मारने की धमकी का प्रकरण दर्ज किया है।
इस घटना के बाद गांव से बड़ी संख्या में आदिवासी कलेक्टे्रट आ गए और उन्होंने प्रशासन से सुरक्षा की मांग की, आदिवासियों को एसडीएम डीके शुक्ला और टीआई आशीष सप्रे ने समझाया। इसके बाद पुलिस फोर्स के सहयोग से उनके गांव छुडवाया। इस दौरान एसडीएम डीके शुक्ला ने बजरंगगढ़ थाना प्रभारी से बात कर निर्देश दिए कि वह गांव में शांति व्यवस्था बनाने के प्रयास करें और आदिवासियों को साहस दिलाएं।
गांव में दोनों पक्षों में तनाव को देखते हुए एतियात की जरुरत है अगर थोड़ी भी लापरवाही होती है तो गंभीर हादसा होने की आशंका है। घटना के बाद से ही गांव में फोर्स लगा हुआ है। इसके अलावा बजरंगगढ़ पुलिस भी गांव में चक्कर लगा रही है। चार दिन गुजरने के बाद भी गांव के हालात सामान्य नहीं हो पा रहा है।
उल्लेखनीय है कि 13 जनवरी को बिजली का खंबा खेत में लगाने को लेकर पारदियों और आदिवासियों में विवाद हो गया था। इस विवाद के दौरान आदिवासियों ने शैतान पारदी की लाठियों से पीट पीट कर हत्या कर दी थी। इस हत्या के बाद से पारदियों में आक्रोष है। वहीं पारदियों के एकत्रित होने के बाद आदिवासी गांव छोड़कर पास के गांव झिर में पहुंच गए। आदिवासियों का आरोप है कि बड़ी संख्या में पारदियों ने उनके घरों के ताले तोड़कर सामान लूट लिया है। अभी भी गांव में दहशत व्याप्त है।