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बड़े दावों के बीच फर्राटा दौड़ रही अवैध बजरी लदे ट्रेक्टर-ट्रॉलियां

– राजाखेड़ा क्षेत्र में अवैध बजरी परिवहन का धंधा खूब फलफूल रहा

– डिमांड के अनुसार आगरा में हो रही सप्लाई

dholpur, राजाखेड़ा. बड़े-बड़े दावों के बीच चंबल की प्रतिबंधित बजरी बेधडक़ परिवहन हो रहा है। प्रदेश में लोकसभा चुनाव से पहले राज्य सरकार की सौ दिन की कार्ययोजना में अवैध खनन और बजरी को प्राथमिकता दी गई और धौलपुर समेत प्रदेश की कई स्थानों पर कार्रवाई हुईं।

धौलपुरApr 28, 2024 / 06:57 pm

Naresh

बड़े दावों के बीच फर्राटा दौड़ रही अवैध बजरी लदे ट्रेक्टर-ट्रॉलियां Illegal gravel laden tractor-trolleys running fast amid big claims
– राजाखेड़ा क्षेत्र में अवैध बजरी परिवहन का धंधा खूब फलफूल रहा

– डिमांड के अनुसार आगरा में हो रही सप्लाई

dholpur, राजाखेड़ा. बड़े-बड़े दावों के बीच चंबल की प्रतिबंधित बजरी बेधडक़ परिवहन हो रहा है। प्रदेश में लोकसभा चुनाव से पहले राज्य सरकार की सौ दिन की कार्ययोजना में अवैध खनन और बजरी को प्राथमिकता दी गई और धौलपुर समेत प्रदेश की कई स्थानों पर कार्रवाई हुईं। लेकिन ये केवल कार्ययोजना तक सीमित होकर रह गया। लोकसभा चुनाव के दौरान पुलिस सुस्त पड़ी तो बजरी माफिया ने वापस चांदी कूटना शुरू कर दिया।
दशकों से अवैध चम्बल रेता उत्खनन के लिए कुख्यात चम्बल का तटवर्ती राजाखेड़ा उपखण्ड अब भी चंबल की अवैध बजरी निकासी और परिवहन का प्रमुख केन्द्र बना हुआ है। चाहे दिहौली या फिर राजाखेड़ा क्षेत्र यहां बेखौफ होकर बजरी का अवैध परिवहन हो रहा है। पुलिस के बजरी पर लगाम के दावे के जमकर रेता लदी ट्रेक्टर-ट्रॉलियां दौड़ती अंधेरे को चीरती हुई दिखी जाएगी। ये ट्रेक्टर-ट्रॉलियां कुछ ही देर में यूपी की सीमा में घुस जाती हैं। आगरा जिले की मण्डी में चंबल बजरी का अच्छा भाव मिलता है। जिससे राजाखेड़ा क्षेत्र से खूब अवैध सप्लाई हो रही है। तडक़े घूमने वाले इनकी रफ्तार देख एक साइड हो जाते हैं। शनिवार को कुछ युवाओं ने इस अवैध निकासी कुछ वीडियो पत्रिका को उपलब्ध कराते हुए इस पर कार्रवाई की मांग की। गौरतलब रहे कि वीडियो में ये ट्रेक्टर बिचोला मोड से राजाखेड़ा बाइपास पर प्रवेश कर आगरा की ओर आते दिखाई दे रहे हैं। हालांकि रेता माफिया राजाखेड़ा के घाटों से आधा दर्जन से अधिक स्थानों से होकर उत्तरप्रदेश की सीमाओं में प्रवेश करता है। बता दें कि उपखंड़ में राजाखेड़ा व दिहोली थाना अंतर्गत आधा दर्जन से अधिक बड़े घाट जिले में चम्बल उत्खनन के जिले के सबसे बड़े केंद्र हैं। बीच-बीच में दिखाने के लिए पुलिस एक-दो ट्रेक्टर-ट्रॉली पकड़ कर कार्रवाई का प्रदर्शन करती है।
प्रमुख निकासी केन्द्र और चौराहों पर एंट्री क्यूं

सूत्रों के अनुसार राजाखेड़ा क्षेत्र में अवैध बजरी लदे वाहनों की बकायदा कुछ लोग चौराहे पर खड़े होकर एंट्री करते हैं। आखिर ये लोग कौन हैं जो एंट्री कर रहे हैं और किसके लिए एंट्री हो रही है। ये लोग रात और तडक़े के समय इन वाहनों पर नजर रखते हैं। इनकी नजर से एक भी वाहन बिना एंट्री के नहीं निकलता है। बता दें कि धौलपुर से सैंपऊ रोड होते हुए सरैंधी सीमा (यूपी) से पार करते समय बजरी लदे ट्रेक्टर ट्रॉलियों की बकायदा माफिया के लोग एस्कॉर्ट करते हैं। कई दफा इनसे रूपवास पुलिस का टकराव भी हो चुका है।
आखिर कैसे बच कर निकल जाते हैं

बता दें कि प्रदेश में द्वितीय चरण के शुक्रवार को हुए मतदान के दौरान बड़ी संख्या में पुलिस बल बाहर गया हुआ है। जो रविवार या सोमवार तक वापस ड्यूटी पर पहुंचेगा। इसका भी बजरी माफिया खूब फायदा उठा रहा है। लेकिन कई स्थानों पर तो पुलिस थाने और चौकियों को चकमा देकर बजरी माफिया का निकलना संदेह पैदा करता है। कुछ अधिकारी तो बजरी रोक का आला अधिकारियों को मैसेज करते हैं लेकिन हकीकत कुछ और है। उधर, पुलिस अधीक्षक ने अवैध बजरी के खिलाफ जल्द कार्रवाई करने की बात कही है।
अर्थव्यवस्था पर भी खतरा.

क्षेत्र में रोजगार के लिए कोई संसाधन नहीं है और अधिकांश लोग खेती पर ही आश्रित हैं। भूजल की कमी से खेतों की उत्पादन क्षमता भी बेहद कम है। ऐसे में चम्बल का रेता ही यहां की अर्थव्यवस्था का मुख्य साधन बनता जा रहा है। लेकिन चम्बल किनारे बड़ा भूभाग है जहां घडिय़ाल प्रजनन नहीं होता और लोग इस क्षेत्र को घडिय़ाल सेंचुरी से बाहर निकलकर अधिकृत ठेके देने की मांग वर्षों से कर रहे हैं। जिससे यहां के लोग आजीविका कमा सके। गौरतलब रहे कि सैकड़ों लोग कर्ज पर ट्रेक्टर ट्रॉली लेकर इस व्यवसाय में उतरे हंै। जिनमें खेत गिरवी रखे हैं।
 रोक से बड़े माफिया कमा रहे

मोटाबजरी पर जब भी सख्ती हुई है, उसका असर केवल छोटे तबके के लोग या फिर मकान बना रहे लोगों को उठाना पड़ता है। इस दौरान बड़े बजरी माफिया व्यवस्था से बजरी लदे ट्रेक्टर-ट्रॉली निकालकर ले जाते हैं। पुलिस की सख्ती के बाद यह अपने हिसाब से बजरी का दाम बढ़ाकर चांदी कूटते हैं। अवैध रेता को कई गुना दामों में बेच कर मोटा मुनाफा कमा रहे हैं। इन बजरी माफिया का नेटवर्क पूरे इलाके में फैला हुआ है।

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