घर ले जाकर किया तैयार, ड्रेस को लेकर भी चॉइस
बच्चों ने गुड्डा-गुडिय़ों को घर ले जाने के बाद उन्हें तैयार किया गया। इसके लिए बच्चों के साथ-साथ उनकी मम्मियां भी दूल्हे और दुल्हन की ड्रेस को लेकर काफी माथापच्ची करती नजर आईं। कपड़ों को सिलेक्ट करने के बाद उनके नाप के कपड़े किसी ने सिलवाएं तो कई घरों में खुद ही दुल्हन का लहंगा और दूल्हें का कुर्ता, पायजामा, धोती जैसे वस्त्रों को तैयार किया गया। साथ ही मेकअप, तिलक, पगड़ी, मोजरी तक का ध्यान बच्चे देते नजर आए। सबसे ज्यादा बच्चों का फोकस मेचिंग पर रहा।आज कराएंगे सात फेरे, साथ में होगी पार्टी
अक्षय तृतीया के दिन इन गुड्डा-गुडिय़ों का विवाह बरगद के पेड़ के नीचे होगा। इनके आसामी यानि इन्हें लेकर आने वाले बच्चे, युवतियां, महिलाएं पेड़ की नीचेे पूरी रीति-रिवाज के साथ गुड्डा-गुडिया का विवाह संपन्न कराएंगे। साथ ही एक सूत्र से बगरद में बांधते हुए सात फेरे संपन्न कराएंगे। साथ ही गांठ बांधते हुए विदा करते हुए वापस घर ले जाएंगे। विवाह संपन्न होने के बाद वहीं आसपास पार्टी भी होगी। जिसमें घर से लाएंगे पकवानों का स्वाद लिया जाएगा। जिसमें चना की फूली हुई दाल, बेसन के भजिया प्रमुख रूप से रखा होगा। कुछ लोग इस दिन गक्कड़, भर्ता के प्रोग्राम भी करेंगे।– यहां लगेगी भीड़
शहर के जटाशंकर मंदिर, होमगार्ड ग्राउंड, महाराणा प्रताप स्कूल ग्राउंड, बड़ी देवी मंदिर सहित जहां-जहां भी बरगद के पेड़ हैं और बैठने के लिए परिसर हैं, वहां आज सुबह और शाम को मेला देखने मिलेगा। इस दौरान बच्चों में काफी उत्साह देखने मिलेगा। पौराणिक मान्यता है बच्चियां यदि अक्षय तृतीया पर गुड्डा-गुडिय़ा विवाह कराती हैं तो उन्हें मनोकामना अनुसार वर मिलता हैं। साथ ही सुख समृद्धि मिलती हैं।