होम साइंस की पढ़ाई में होम मैनेजमेंट के अलावा कई तरह के रोजगारों में उपयोगी कौशल का भी प्रशिक्षण दिया जाता है।
दसवीं या बारहवीं
पास करने वाले छात्रों के लिए अन्य विषयों की अलावा होम साइंस भी एक बेहतर विकल्प
होता है। करियर के लिहाज से यह विषय स्टूडेंट्स और अभिभावकों के बीच बहुत ज्यादा
चर्चित नहीं है। इसकी वजह कुछ गलत धारणाएं हैं, जो होम साइंस स्ट्रीम में मौजूद
अवसरों की जानकारी न होने से बनी हुई हैं।
यह एक ऎसी स्ट्रीम है, जिसे
भ्रांतिवश सही संदर्भो में न समझकर सिर्फ लड़कियों के लिए मान लिया जाता है। काफी
अभिभावक लड़कियों की शिक्षा को जरूरी मानते हैं, लेकिन वह इससे भी ज्यादा अहमियत इस
बात को देते हैं कि लड़कियां घर और उसके कामकाज को संभालन में ज्यादा कुशल हों। होम
साइंस की पढ़ाई में होम मैनेजमेंट के अलावा कई तरह के रोजगारों में
उपयोगी कौशल का भी प्रशिक्षण दिया जाता है। इसलिए यह कहना ठीक नहीं है कि यह
स्ट्रीम सिर्फ लड़कियों के लिए ही उपयोगी है। इस स्ट्रीम के तहत मिलने वाले
प्रशिक्षण का लाभ लड़के भी रोजगार कुशलता बढ़ाने में कर सकते
हैं।
इस स्ट्रीम के पाठयक्रम में साइंस और ह्यूमेनिटीज के विषय भी शामिल
होते हैं। इस कारण इस स्ट्रीम का अध्ययन क्षेत्र काफी व्यापक होता है। इसमें
केमिस्ट्री, फिजिक्स, फिजियोलॉजी, बायोलॉजी, हाइजिन, इकोनॉमिक्स, रूरल डेवलपमेंट,
चाइल्ड डेवलपमेंट, सोशियोलॉजी एंड फैमिली रिलेशन्स, कम्यूनिटी लिविंग, आर्ट, फूड,
न्यूट्रिशन, क्लॉथिंग, टेक्सटाइल्स और होम मैनेजमेंट आदि विषय शामिल होते
हैं।
विषय के रूप में होम साइंस सीबीएसई और ज्यादातर राज्य बोर्डो में 11वीं
और 12वीं कक्षा के स्तर पर उपलब्ध है। कॉलेज के स्तर पर इस विषय की उपलब्धता को
देखें, तो यह देश के काफी विश्वविद्यालयों में तीन वर्षीय बैचलर डिग्री पाठयक्रम के
रूप में पढ़ाया जा रहा है।
यहां हैं संभावनाएं
टेक्सटाइल के
क्षेत्र में मर्चेडाइजर या डिजाइनर
हॉस्पिटल और खाद्य क्षेत्र में
न्यूट्रिशनिस्ट या डाइटिशियन
टूरिस्ट रिजोर्ट, रेस्टोरेंट और होटल में हाउस
कीपिंग कार्य की देखरेख
शैक्षणिक या कामकाजी संस्थानों में कैंटरिंग सुविधा देने
का कार्य
खाद्य उत्पादों के निर्माण और विकास कायोंü का पर्यवेक्षण
रिसोर्स
मैनेजमेंट
फैमिली काउंसलर
सोशल वर्क और ह्यूमन डेवलपमेंट
अनुसंधान और
शिक्षण कार्य
टेक्सटाइल, फूड, बेकिंग और कंफेक्शनरी के क्षेत्र में
स्वरोजगार
होम साइंस के प्रमुख पांच क्षेत्र
– फूड एंड न्यूट्रिशन “रिसोर्स मैनेजमेंट
– ह्यूमन डेवलपमेंट “फैब्रिक एंड अपेरल साइंस
– कम्यूनिकेशन एंड एक्सटेंशन
यहां से करें पढ़ाई
दिल्ली यूनिवर्सिटी, दिल्ली
यूनिवर्सिटी
ऑफ बॉम्बे, मुंबई
आचार्य एनजी रंगा एग्रीकल्चरल यूनिवर्सिटी,
हैदराबाद
इलाहाबाद एग्रीकल्चरल इंस्टीटयूट, इलाहाबाद
चंद्रशेखर आजाद
यूनिवर्सिटी ऑफ एग्रीकल्चर एंड टेक्नोलॉजी, कानपुर
यूनिवर्सिटी ऑफ कैलकटा,
कोलकाता
राजस्थान एग्रीकल्चरल यूनिवर्सिटी, बीकानेर
राजेंद्र एग्रीकल्चरल
यूनिवर्सिटी, पूसा