शैक्षणिक सत्र 2017-18 के लिए बीएड कॉलेजों में प्रवेश की जिम्मेदारी अजमेर स्थित एमडीएस यूनिवर्सिटी को सौंपी गई है
कोटा। राज्य सरकार ने एक साल बाद ही कोटा विश्वविद्यालय से बीएड काउंसलिंग छीन ली। शैक्षणिक सत्र 2017-18 के लिए बीएड कॉलेजों में प्रवेश की जिम्मेदारी अजमेर स्थित एमडीएस यूनिवर्सिटी को सौंपी गई है। कॉलेजों में सीटें खाली रहने और अवमानना के मामले को लेकर उठे विवादों को इस फैसले की वजह बताया जा रहा है।
शैक्षणिक सत्र 2016-17 में बीएड कॉलेजों में एडमिशन के लिए प्रवेश प्रक्रिया आयोजित करने से प्रदेश के सभी विश्वविद्यालयों ने हाथ खड़े कर दिए थे, जिसके बाद मार्च 2016 में उच्च शिक्षा विभाग ने दो और चार वर्षीय बीएड पाठ्यक्रम की काउंसलिंग कराने की जिम्मेदारी कोटा विश्वविद्यालय को सौंपी। 15 मई को प्रवेश परीक्षा आयोजित कराने के बाद भी ढाई महीने तक राज्य सरकार टीचर्स ट्रेनिंग कॉलेजों की सीटें तय नहीं कर पाई। आखिरकार अगस्त में जाकर पहले चरण की काउंसलिंग शुरू हुई। दूसरे चरण की काउंसलिंग खत्म होने के बाद भी बीएड कॉलेजों में 22,377 सीटें खाली रह गईं, लेकिन राज्य सरकार इन खाली सीटों पर प्रवेश की नीति अब तक तय नहीं कर पाई है।
इसी बीच सर्वोच्च न्यायालय ने बीस कॉलेजों को काउंसलिंग में शामिल करने का आदेश जारी कर सरकार की मुसीबत और बढ़ा दी। सरकार ने कोटा विश्वविद्यालय को निर्देश दिए कि वह तीसरे चरण की काउंसलिंग कर खाली सीटें भरे, लेकिन कोटा विवि कोर्ट में पहले ही हलफनामा दायर कर चुका था कि अगस्त के आखिर तक हर हाल में बीएड की प्रवेश प्रक्रिया खत्म कर देगा। अदालत की अवमानना से बचने के चक्कर में उच्च शिक्षा विभाग और कोटा विश्वविद्यालय में ठन गई, जिसकी खीझ राज्य सरकार ने शैक्षणिक सत्र 2017-18 की काउंसलिंग छीनकर निकाली।
बीएड की काउंसलिंग कराने के लिए उच्च शिक्षा विभाग विवि के साथ बैठक करता है, जो विवि इसके लिए तैयार होते हैं, उनके साथ प्रॉफिट शेयरिंग तय होता है और ज्यादा मुनाफा देने वाले विवि को परीक्षा और एडमिशन की जिम्मेदारी दे दी जाती है, लेकिन इस बार सरकार ने बैठक बुलाए बिना ही एमडीएस यूनिवर्सिटी को बीएड काउंसलिंग कराने की जिम्मेदारी सौंप दी है।
सरकार के निर्देशों का इंतजार
चालू सत्र में खाली रह गई सीटों पर सरकार के निर्देश आने पर ही आखिरी चरण की काउंसलिंग की जाएगी। हालांकि अगले शैक्षणिक सत्र में बीएड काउंसलिंग की जिम्मेदारी सरकार ने एमडीएस यूनिवर्सिटी को सौंप दी है। प्रो. राजीव जैन, समन्वयक, पीटीईटी