scriptकॉल सेंटर के चार कर्मियों पर हुआ जानलेवा हमला,आरोपित टीम लीडर को किया बहिष्कृत | The murderous attack on 4 call centre employers | Patrika News
गोरखपुर

कॉल सेंटर के चार कर्मियों पर हुआ जानलेवा हमला,आरोपित टीम लीडर को किया बहिष्कृत

पुलिस ने बताया कि पीडि़त कर्मचारियों की शिकायत पर मामले की जांच की जा रही है। घायल कर्मचारियों की हालत में सुधार होने तक उन्हें घर बैठे ही वेतन दिया जाएगा। उपचार का खर्चा कंपनी उठाएगी। जांच के दायरे में आए टीएल को बर्खास्त कर दिया है।

गोरखपुरFeb 20, 2017 / 09:01 am

rajesh walia

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झालाना सांस्थानिक क्षेत्र स्थित 108 एम्बुलेंस कॉल सेंटर के चार कर्मचारियों पर शनिवार देर रात कुछ युवकों ने जानलेवा हमला कर दिया। डंडों से मारपीट में तीन कर्मचारी जख्मी हो गए, जबकि एक दिव्यांग कर्मचारी ने झाडि़यों में छिप कर जान बचाई।
 इससे आक्रोशित 100 से अधिक कर्मचारियों ने रविवार सुबह कार्य बहिष्कार कर सुरक्षा की मांग को लेकर नारेबाजी की। करीब एक घंटे कॉलसेंटर में किसी ने कॉल रिसीव नहीं की। इससे एम्बुलेंस उपलब्ध नहीं होने से मरीजों व परिजनों को थोड़ी परेशानी हुई।
कम्पनी जीवीकेईएमआरआई ने फिर आरोपित टीम लीडर (टीएल) को बर्खास्त कर दिया। पुलिस ने बताया कि पीडि़त कर्मचारियों की शिकायत पर मामले की जांच की जा रही है। दिव्यांग कर्मचारी मिंटू ने पुलिस को बताया कि शनिवार रात करीब 12 बजे साथी हंसराज, शिवम और प्रदीप के साथ जा रहे थे। 
रास्ते में चाय की थड़ी के पास 4 युवकों ने रोक कर उनको हमला बोल दिया। वह ट्राई साइकिल से उतर कर झाडिय़ों में छिप गया। हमले में बाकी तीनों साथी जख्मी हो गए। प्रदीप की हालत गंभीर है। हमलावरों के जाने के बाद वह ट्राई साइकिल से झालाना पुलिस चौकी पहुंचा।
 चौकी का गेट खटखटाया, लेकिन कोई नहीं आया। कंट्रोल रूम को सूचना देने पर पुलिस आई और घायलों को एसएमएस अस्पताल में पहुंचाया।

क्या थी वजह 

पुलिस ने बताया कि शनिवार को कंट्रोल रूम में टीएल और ईआरओ के बीच कहासुनी हुई थी। टीएल ने ईआरओ को कार्यालय से बाहर देख लेने की धमकी दी थी। आशंका है कि टीएल ने बाहरी लोग बुलवा कर ईआरओ और अन्य कर्मचारियों पर हमला कराया है।
अभद्रता और सुरक्षा की कोई व्यवस्था नहीं

महिला कर्मचारियों का आरोप है कि अधिकारी उनके साथ अभद्रता करते हैं। बाथरूम में पानी नहीं आता है। दिव्यांग कर्मचारी की नाइट शिफ्ट में ड्यूटी लगा दी जाती है। 9 घंटे की ड्यूटी कराई जाती है और सुरक्षा की कोई व्यवस्था नहीं हैं।
घायल कर्मचारियों की हालत में सुधार 

सुबह कुछ वक्त दिक्कत आई थी, जिसे मैनेज कर लिया गया। घायल कर्मचारियों की हालत में सुधार होने तक उन्हें घर बैठे ही वेतन दिया जाएगा। उपचार का खर्चा कंपनी उठाएगी। जांच के दायरे में आए टीएल को बर्खास्त कर दिया है।

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