यह है पूरा मामला
इटारसी में हार्डवेयर संचालक के एक लाख ३४ हजार रुपए खाते से निकाल लिए। सराफा बाजार में बदरुद्दीन फतेह अली नाम से हार्डवेयर दुकान हैं। इस दुकान का संचालन हकीमुद्दीन अली करते हैं। इनके पास दोपहर में दो युवक आए उसमें से एक ने अपना नाम सुधीर गुप्ता बताया। दूसरे युवक का नाम हकीमुद्दीन भूल गए। इन युवकों ने एक अखबार को ३६० रुपए में साल भर उपलब्ध कराने की स्कीम बताई। इसके तहत अखबार पाने के लिए हकीमुद्दीन ने एक एकाउंट पेयी चेक युवकों को दे दिया। वहीं टीआई विक्रम रजक ने बताया कि अभी मामला दर्ज नहीं किया गया है। जांच की जा रही है। जांच के बाद मामला दर्ज किया जाएगा।
इटारसी में हार्डवेयर संचालक के एक लाख ३४ हजार रुपए खाते से निकाल लिए। सराफा बाजार में बदरुद्दीन फतेह अली नाम से हार्डवेयर दुकान हैं। इस दुकान का संचालन हकीमुद्दीन अली करते हैं। इनके पास दोपहर में दो युवक आए उसमें से एक ने अपना नाम सुधीर गुप्ता बताया। दूसरे युवक का नाम हकीमुद्दीन भूल गए। इन युवकों ने एक अखबार को ३६० रुपए में साल भर उपलब्ध कराने की स्कीम बताई। इसके तहत अखबार पाने के लिए हकीमुद्दीन ने एक एकाउंट पेयी चेक युवकों को दे दिया। वहीं टीआई विक्रम रजक ने बताया कि अभी मामला दर्ज नहीं किया गया है। जांच की जा रही है। जांच के बाद मामला दर्ज किया जाएगा।
पुलिस भी आई झांसे में
चेक देने के बाद शाम ४ बजे हकीमुद्दीन के मोबाइल पर कॉल आया कि क्राइम ब्रांच से बोल रहे हैं। आपका नंबर आंतकियों से जुड़ रहा है इसलिए आप आधा घंटे के लिए अपना मोबाइल बंद कर लें। संदेह होने पर हकीमुद्दीन सीधे पुलिस थाने गए और यहां बैठे एसआई से उन्होंने बात कराई। जालसाज ने जब उप निरीक्षक से बात की तो वह भी झांसे में आ गए और उन्होंने हकीमुद्दीन को अपना मोबाइल बंद करने को कह दिया। हकीमुद्दीन उप निरीक्षक का नाम भी नहीं बता पा रहे हैं। एक घंटे बाद मोबाइल ऑन किया तो पैसे विड्राल होने का मैसेज मिला। उन्होंने पंजाब नेशनल बैंक में जाकर इस संबंध में जानकारी ली तो पता चला किसी रोहित सिसौदिया के नाम से राशि विड्राल हुई है।
चेक देने के बाद शाम ४ बजे हकीमुद्दीन के मोबाइल पर कॉल आया कि क्राइम ब्रांच से बोल रहे हैं। आपका नंबर आंतकियों से जुड़ रहा है इसलिए आप आधा घंटे के लिए अपना मोबाइल बंद कर लें। संदेह होने पर हकीमुद्दीन सीधे पुलिस थाने गए और यहां बैठे एसआई से उन्होंने बात कराई। जालसाज ने जब उप निरीक्षक से बात की तो वह भी झांसे में आ गए और उन्होंने हकीमुद्दीन को अपना मोबाइल बंद करने को कह दिया। हकीमुद्दीन उप निरीक्षक का नाम भी नहीं बता पा रहे हैं। एक घंटे बाद मोबाइल ऑन किया तो पैसे विड्राल होने का मैसेज मिला। उन्होंने पंजाब नेशनल बैंक में जाकर इस संबंध में जानकारी ली तो पता चला किसी रोहित सिसौदिया के नाम से राशि विड्राल हुई है।