सुहागिन लगाएंगी तुलसी के फेरे
सोमवती अमावस्या के दिन सुहागन महिलाएं पति की लंबी आयु की कामना के लिए व्रत करेंगी। पुराणों के अनुसार इस दिन मौन व्रत करने से सहस्त्र गौ-दान का फल प्राप्त होता है। उल्लेखनीय है कि सोमवार को पडऩे वाली अमावस्या को सोमवती अमावस्या कहा जाता है।
वैशाख अमावस्या पूजा विधि
ज्योतिषाचार्य सचिनदेव महाराज के अनुसार वैशाख अमावस्या के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठना चाहिए। फिर नित्यकर्म से निवृत होकर पवित्र तीर्थ स्थलों पर स्नान ज़रूर करें। गंगा, यमुना आदि नदियों में स्नान का बहुत अधिक महत्व बताया जाता है। हालांकि पवित्र सरोवरों में भी स्नान किया जा सकता है।
स्नान के बाद सबसे पहले भगवान सूर्य को अर्घ्य देकर बहते जल में तिल प्रवाहित करें और पीपल के वृक्ष को भी जल अर्पित याद से करें। इस खास दिन चूंकि कुछ क्षेत्रों में शनि जयंती भी मनाई जाती है इसलिए शनिदेव की तेल, तिल और दीप आदि जलाकर पूजा करना अच्छा माना जाता है। कोशिश करें कि शनि चालीसा का पाठ भी आप अवश्य करें और शनि मंत्रों का जाप भी करना ना भूलें। अपने सामर्थ्य के अनुसार दान-दक्षिणा भी याद से करें।
वैशाख अमावस्या
अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार वैशाख अमावस्या 16 अप्रैल यानी कि सोमवार के दिन मनाया जाएगा। इस खास दिन वैशाख अमावस्या पड़ना बहुत ही सौभाग्यशाली व फलदायी माना जाता है।
अमावस्या तिथि – 16 अप्रैल 2018, सोमवार
अमावस्या तिथि आरंभ – 8:33 बजे (15 अप्रैल 2018)
अमावस्या तिथि समाप्त – 7:22 बजे (16 अप्रैल 2018)
पितृकर्म के लिए 15 अप्रैल का दिन बहुत शुभ रहेगा जबकि 16 अप्रैल को सोमवती अमावस्या मनाई जा सकती है।