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जयपुर

इस बार राजस्थान यूनिवर्सिटी की नैक मान्यता खतरे में, ये खामियां खड़ी कर सकती है परेशानी

Rajasthan University NAAC Grade : राजस्थान यूनिवर्सिटी में नेशनल असेसमेंट एंड एक्रेडिटेशन काउंसिल की तैयारियां जोरों पर हैं लेकिन दूसरी तरफ कमियां बेतहाशा हैं। इसी के मद्देनजर नैक ग्रेडिंग के लिए इस बार विवि को खूबियां ही नहीं बतानीं, उससे जुड़े सबूत भी देने होंगे। ऐसे में ये खामियां विश्वविद्यालय को नैक मान्यता दिलाने में परेशानी खड़ी कर सकती है।

जयपुरApr 29, 2024 / 11:03 am

Supriya Rani

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विजय शर्मा. राजस्थान विश्वविद्यालय ने नेशनल असेसमेंट एंड एक्रेडिटेशन काउंसिल (नैक सर्टिफिकेट) हासिल करने के लिए कवायद शुरू कर दी है। इस बार नैक ग्रेडिंग के लिए सिर्फ विवि की खूबियां और खामियां ही नहीं बताई जाएंगी बल्कि सेल्फ स्टडी रिपोर्ट (एसएसआर) में उनसे जुड़े सबूत भी जमा कराए जाएंगे। इसके लिए पिछले एक महीने से तैयारियां की जा रही हैं। नैक ग्रेडिंग लेने के लिए विशेष तौर पर सात बिंदुओं पर काम किया जा रहा है, उनसे जुड़े दस्तावेज भी एकत्रित किए जा रहे हैं। विशेषज्ञों का दावा है कि यूनिवर्सिटी ए ग्रेड लेने की योग्यता रखती है, लेकिन ए प्लस के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। सात बिंदुओं में से टीचिंग लर्निंग, रिसर्च, इंफ्रा, छात्र प्रगति और प्रशासनिक पॉइन्ट ऐसे हैं, जहां विवि की खामियां सामने आ रही हैं। ये नैक ग्रेड ए प्लस में बाधा बन सकती हैं।

सिर्फ एक बार मिली ए प्लस

आरयू को वर्ष 2004 में ए प्लस ग्रेड मिली थी। वर्ष 2016 में ए ग्रेड थी। अब पुनर्मूल्यांकन के लिए एसएसआर और अन्य दस्तावेज प्रस्तुत किए जा रहे हैं। नेशनल असेसमेंट एंड एक्रेडिटेशन काउंसिल की ओर से जारी हरेक मापदंडों पर खरा उतरने पर ही ग्रेड दी जाती है। इसके लिए यूनिवर्सिटी की ओर से पहले प्रस्ताव भेजा जाता है। फिर नैक टीम विश्वविद्यालय के विभागों, शोध कार्य, इन्फ्रास्ट्रक्चर, टीचिंग फैकल्टी के आधार पर ग्रेड देती है। गौरतलब है कि राजस्थान यूनिवर्सिटी का नैक ग्रेड सर्टिफिकेट तीन साल पहले ही खत्म हो गया। वर्ष 2021 के बाद विवि ने नैक ग्रेड सर्टिफिकेट रीन्यू नहीं कराया। इसके चलते यूनिवर्सिटी को ग्रांट नहीं दी जा रही है।

ये खामियां बनेंगी बाधा

टीचिंग लर्निंग : इस बिंदु में यूनिवर्सिटी को छात्र और शिक्षकों का अनुपात दिखाना पड़ता है। यूजीसी के अनुसार 20 छात्रों पर एक शिक्षक होना जरूरी है लेकिन यूनिवर्सिटी की वर्तमान स्थिति की बात करें तो 60 छात्रों पर एक शिक्षक है। फैकल्टी की कमी के कारण छात्र और शिक्षकों का अनुपात बिगड़ा हुआ है। विवि में शिक्षकों के 50 फीसदी पद खाली चल रहे हैं।

रिसर्च : यूनिवर्सिटी में रिसर्च की स्थिति भी बेहद खराब है। विवि में दो साल से शोध प्रवेश परीक्षा की प्रक्रिया पूरी नहीं हो पाई है। इसके अलावा यूनिवर्सिटी की ओर से शिक्षकों को सीड मनी नहीं दी जाती। इससे शिक्षक रिसर्च नहीं कर पा रहे हैं। शिक्षकों को प्रोत्साहन राशि भी नहीं दी जाती।

इन्फ्रास्ट्रक्चर : यूनिवर्सिटी में एकेडमिक इन्फ्रास्ट्रक्चर को लेकर कई खामियां हैं। विवि में उपयुक्त भवन तो हैं लेकिन शैक्षणिक इन्फ्रास्ट्रक्चर नहीं है। कम्प्यूटर लैब, स्मार्ट क्लास की कमी है। लैंग्वेज लैब की संख्या कम है।

छात्र प्रगति : इस बिंदु के तहत छात्रों की प्रगति की जांच की जाती है। इसमें विवि का रिजल्ट और छात्रों की ग्रोथ देखी जाती है। विवि के यूजी के अधिकतर छात्र पीजी में प्रवेश लेते हैं। लेकिन विवि में रोजगारोन्मुखी कोर्स की संख्या न के बराबर है। पारंपरिक यूनिवर्सिटी होने के कारण यहां छात्रों की स्किल पर फोकस नहीं किया जाता। डिग्री आधारित कोर्स ही संचालित किए जा रहे हैं।

प्रशासनिक : विवि की प्रशासनिक तंत्र भी कमजोेर हैं। नैक ग्रेड में देखा जाता है कि प्रशासनिक स्तर पर छात्रों के लिए कितने एमओयू किए गए लेकिन विवि की ओर से एमओयू की संख्या पर्याप्त नहीं है।

जून तक आ सकती है नैक टीम

एसएसआर रिपेार्ट और अन्य दस्तावेज प्रस्तुत करने के बाद जून 2024 तक नैक टीम विवि का दौरा करेगी। इसके लिए विवि में अवकाश के दिन भी काम किया जा रहा है। हर विभाग की उपलब्धियों को खंंगाला जा रहा है। उनसे जुड़े दस्तावेज एकत्रित किए जा रहे हैं।

राजस्थान विश्वविद्यालय के इंटरनल क्वालिटी अश्योरेंस सेल के कॉर्डिनेटर रश्मि जैन का कहना है कि नैक ग्रेडिंग के लिए जोर-शोर से तैयारियां की जा रही हैं। सभी विभागों से सूचनाएं मांगी जा रही हैं। बिंदुवार डॉक्युमेंट तैयार किए जा रहे हैं। पूरा प्रयास है कि विवि को ए प्लस ग्रेड हासिल हो।

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