scriptमाउंट आबू में रात 3 बजे लगता था ‘बाबा का दरबार’, युवतियों और महिलाओं के साथ किया जाता था कुछ ऐसा | Shocking story of Baba Virendra Dev Dixit in Mount Abu | Patrika News

माउंट आबू में रात 3 बजे लगता था ‘बाबा का दरबार’, युवतियों और महिलाओं के साथ किया जाता था कुछ ऐसा

locationजयपुरPublished: Jan 10, 2018 12:36:53 pm

Submitted by:

dinesh

आस-पास रहने वाले लोगों को पता तक नहीं था बाबा के आश्रम में आध्यात्म के नाम पर होता था कुछ और…

Baba Virendra Dev Dixit
जयपुर। दिल्ली में आध्यात्मिक यूनिवर्सिटी के नाम पर चलाए जा रहे आश्रम कामालिक बाबा वीरेन्द्र दीक्षित फिलहाल गायब है। दिल्ली पुलिस कई राज्यों में बाबा की तलाश में दबिश दे रही है। इस बीच बाबा के देश भर के कई राज्यों में फैले आश्रमों की भी सर्च चल रही है। आश्रमों में ऐसा काफी कुछ मिला है जो अपटपा है। राजस्थान की बात करें तो यहां पर भी बाबा के दो आश्रम हैं, जहां बाबा दीक्षित साल में कई बार आता था। यहां रह रही युवतियों और किशोरियों का कहना है कि यहां कुछ भी गलत नहीं है। हालांकि दीवारों पर लिखी बातें और वहां से मिला साहित्य बाबा के रंगीले मिजाज की ओर इशारा करता है।
माउंट आबू आश्रम में कई बार आता था बाबा
पिछले सप्ताह ही दिल्ली पुलिस की टीम ने सिरोही पुलिस की मदद से माउंट आबू में छापा मारा था। यहां पर बाबा के आश्रम में करीब सत्तर किशोरियां, युवतियां और महिलाएं मिलीं, जो राजस्थान के अलावा देश के कई राज्यों से आई थीं। ये तीन से पांच साल से यहां पर रह रही थीं। बाबा के इस आश्रम से करीब सत्तर युवतियों और किशोरियों को निकाला गया। कुछ को नारी निकेतन भेजा गया और कुछ को उनके परिजनों के पास भेजा गया। हालांकि अधिकतर किशोरियों और युवतियों का यही कहना था कि वे अपनी मर्जी से यहां रह रही हैं और धार्मिक गतिविधियों में शामिल हैं। बाबा के जयपुर स्थित आश्रम में भी करीब दो दर्जन युवतियों और किशोरियों ने डेरा डाले रखा है।
बाबा वीरेन्द्र के खिलाफ पिछले महीने दिल्ली पुलिस ने बड़ी कार्रवाई की थी। बाबा के आश्रम पर रेड डालने से कुछ समय पहले ही बाबा फरार हो गया था। तब से लेकर अब तक देश के कई राज्यों में कार्रवाई जारी है। बाबा के कुछ आश्रमों में से अब तक करीब 150 युवतियों, महिलाओं और किशोरियों को छुड़ाया जा चुका है। बाबा के क्रिया कलापों को देखते हुए दिल्ली हाईकोर्ट भी बेहद गंभीर है। इस मामले में दिल्ली की एक एनजीओ ने कोर्ट में रिट फाइल की थी और उसके बाद कोर्ट ने इस पर एक्शन लिया था। एनजीओ के कार्यकर्ताओं का आरोप था कि युवतियों और किशोरियों के साथ बाबा गलत काम करता है और उनको अपने आश्रम पर रखता है।
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लाल बल्ब की रोशनी में घंटों मेडिटेशन
पुलिस का कहना है कि बाबा के आश्रम में रहने वाली युवतियों की दिनचर्या भी आम लोगों से अलग थी। बाबा के आश्रम में सवेरे की शुरुआत देर रात तीन बजे से होती थी। तीन से चार बजे के बीच सभी युवतियों और महिलाओं को रूम में लाया जाता था। जहां पर सिर्फ एक लाल बल्ब जलता था और बाबा का ऑडियो सुनाया जाता था। पुलिस का मानना है कि इस तरह से युवतियों और महिलाओं का ब्रेन वॉश किया जाता था।
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