सौर व पवन ऊर्जा का हब बन चुका पोकरण
विद्युत प्रसारण निगम व विद्युत वितरण निगम की ओर से क्षेत्र के गांवों व ढाणियों में विद्युत तारों का जाल बिछाया हुआ है। इसके अलावा पोकरण क्षेत्र सोलर व पवन ऊर्जा का हब बन चुका है। क्षेत्र के धूड़सर, थाट, छायण, सत्तासर, सांकड़ा, लूणा, माधोपुरा, खुहड़ा, नेड़ान, केरालिया आदि गांवों में बड़े सौर ऊर्जा प्लांट व पवन ऊर्जा के संयंत्र लगे हुए है। यहां उत्पादित बिजली बड़ी हाइटेंशन विद्युत तारों के माध्यम से पहले पोकरण के 132 केवी जीएसएस और यहां से देचू के ग्रिड स्टेशन पर आपूर्ति की जाती है। इसके लिए भी बड़े टॉवर के माध्यम से विद्युत तारें लगाई गई है।
पत्रिका ने उठाया मुद्दा तो जिम्मेदारों की टूटी निद्रा
जिले में आए दिन हाइटेंशन विद्युत तारों की चपेट में आने से हो रही पक्षियों की मौत को लेकर पत्रिका की ओर से लगातार समाचार प्रकाशित किए जा रहे है। साथ ही पूर्व में इस संबंध में प्रमुखता से समाचार प्रकाशित कर जिम्मेदारों का ध्यान आकर्षित किया गया था। पत्रिका के समाचारों के बाद अब जिम्मेदारों की निद्रा टूटी है। पोकरण क्षेत्र में बर्ड रिफ्लेक्टर लगाने का कार्य शुरू किया गया है।
लगा रहे बर्ड रिफ्लेक्टर व डाइवर्टर
जोधपुर विद्युत प्रसारण निगम की ओर से अब हाइटेंशन विद्युत तारों पर बर्ड रिफ्लेक्टर लगाने की कवायद शुरू की गई है। जिसके अंतर्गत जिन क्षेत्रों में पक्षियों, कुरजां, गोडावण की संख्या अधिक है, वहां बर्ड रिफ्लेक्टर व डाइवर्टर लगाए जा रहे है, ताकि पक्षियों की हो रही अकाल मौत को रोका जा सके। विद्युत प्रसारण निगम पोकरण की ओर से सोमवार को पोकरण से अजासर गांव के बीच करीब 60 किलोमीटर विद्युत तारों पर बर्ड रिफ्लेक्टर लगाने का कार्य किया गया है। बर्ड रिफ्लेक्टर लगाने का कार्य लगातार जारी रहेगा और अन्य तारों पर भी रिफ्लेक्टर लगाए जाएंगे, ताकि पक्षियों की मौत हो रोका जा सके।
निजी कंपनियों की तारों पर भी अभाव
पोकरण क्षेत्र में बड़ी संख्या में सौर ऊर्जा प्लांट व पवन ऊर्जा संयंत्र लगे हुए है। सोलर व पवन ऊर्जा कंपनियों की ओर से कुछ जगहों पर विद्युत तारों पर बर्ड रिफ्लेक्टर लगाए गए है, लेकिन अधिकांश जगहों पर तारों पर कोई रिफ्लेक्टर या डाइवर्टर नहीं है। ऐसे में क्षेत्र के वाशिंदे इन तारों पर भी रिफ्लेक्टर लगाने की मांग कर रहे है।
लगाए जा रहे है रिफ्लेक्टर
निगम की ओर से हाइटेंशन तारों पर बर्ड रिफ्लेक्टर लगाए जा रहे है। पोकरण से अजासर गांव के बीच करीब 60 किलोमीटर विद्युत तारों पर रिफ्लेक्टर लगाए गए है। – मनोजकुमार यादव, सहायक अभियंता जोधपुर विद्युत प्रसारण निगम, पोकरण