सूत्रों के अनुसार एनसीबी जोधपुर ने हरलाया गांव निवासी जगदीश पुत्र कैलाश बिश्नोई के फार्म हाउस में दबिश दी थी, जहां एक कमरे में एमडी ड्रग्स बनाने के दो जार व दो मशीनें, कैमिकल से भरे कई ड्रम जब्त किए गए थे। जगदीश फरार हो गया था। जोधपुर ग्रामीण पुलिस की मदद से उसे पकड़ने के प्रयास किए जा रहे हैं। जगदीश ने अपने सामने रहने वाले मेडिकल दुकान पर कार्यरत रामप्रताप जाट का मोबाइल काम में लिया था। इस पर रामप्रताप को गिरफ्तार कर लिया गया। जगदीश के खिलाफ मारपीट के तीन मामले पहले से दर्ज हैं।
गौरतलब है कि एनसीबी व गुजरात एटीएस ने गांधीनगर, अमरेली, भीनमाल, शिवगंज व ओसियां के हरलाया में दबिश देकर 300 करोड़ की 22 किलो एमडी ड्रग्स, 124 लीटर लिक्विड एमडी ड्रग्स, 50 किलो इफेड्रिन और 200 लीटर एसीटोन जब्त की थी।
मार्च में निर्मित हैं प्रतिबंधित कैमिकल
जांच में सामने आया कि मूलत: तिंवरी हाल गुजरात के गांधीनगर निवासी मुख्य आरोपी कुलदीपसिंह राजपुरोहित ने जगदीश के खेत में एमडी ड्रग्स बनाने का प्लांट लगवाया था। उसी ने मशीनें लगवाईं थी और वापी से प्रतिबंधित कैमिकल से भरे ड्रम मंगवाए थे। इन ड्रमाें पर मार्च 2024 में मैन्यूफैक्चरिंग तिथि अंकित है।
एफएसएल जोधपुर ने नमूने लिए, गांधीनगर एफएसएल भी करेगी जांच
ड्रग्स बनाने का प्लांट और कैमिकल जब्त करने के बाद एनसीबी ने एफएसएल जोधपुर को साक्ष्य संकलन के लिए मौके पर बुलाया। प्रयोगशाला जांच के लिए कैमिकल के नमूने लिए गए हैं। गुजरात के गांधीनगर की एफएसएल को भी बुलाया गया है। जाे पता लगाएंगे कि जब्त कैमिकल से कितनी मात्रा में एमडी ड्रग्स बनाई जा सकती थी।
279 किलो एमडी ड्रग्स में जमानत पर छूटा, उससे मिले सुराग
गुजरात एटीएस को गुजरात व राजस्थान में एमडी ड्रग्स बनाने की प्रयोगशालाएं संचालित होने की सूचना मिली थी। जो एनसीबी को दी गई। ब्यूरो ने एमडी ड्रग्स तस्करी में लिप्त बड़े तस्करों को खंगाला। अहमदाबाद के थलतेज निवासी मनोहरलाल एनानी वर्ष 2015 में 279 किलो एमडी ड्रग्स के साथ सिरोही के आबूरोड में रीको इण्डस्ट्रीयल क्षेत्र में पकड़ा गया था। सात साल तक जेल में रहने के बाद वह दो साल पहले ही जमानत पर छूट था। एनसीबी ने उस पर नजर रखनी शुरू की। उसी से ड्रग्स की प्रयोगशालाएं संचालित होने की पुष्टि हुई थी।