इस मामले में विधि छात्र भंवरलाल सारण ने मानवाधिकार आयोग में याचिका दायर की थी। इसको 22 अप्रेल 2024 को आयोग के समक्ष रखा गया। आयोग के निर्देश पर 15 फरवरी 2024 की अनुपालना में चिकित्सा शिक्षा विभाग के उप सचिव से भी रिपोर्ट प्राप्त हुई। साथ ही, एमबीएस अस्पताल अधीक्षक की रिपोर्ट भी प्राप्त हुई है।
अस्पताल की ओर से पांच सदस्यीय जांच समिति की रिपोर्ट को रखा गया। इसमें बताया कि 17 मई 2022 को सुबह 3 बजे रोगी रूपमती की दाहिनी पलक से रक्तस्राव की घटना हुई। आयोग ने इसमें अस्पताल के कर्मचारियों की लापरवाही माना, जो मानवाधिकारों का घोर उल्लंघन है, जिसके लिए राज्य उत्तरदायी है।
आयोग ने मुख्य सचिव को नोटिस जारी करते हुए कहा कि क्यों न आयोग राजस्थान राज्य को सरकारी कर्मचारियों की ओर से की गई लापरवाही के लिए पीडि़त के रिश्तेदार को 25 हजार का मुआवजा देने की सिफारिश करे। मुख्य सचिव को चार सप्ताह के अंदर कारण बताओ नोटिस का जवाब देने के निर्देश दिए।