स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि प्रदेश के सभी चिकित्सालयों में चिकित्सकों की कमी नहीं रहने दी जाएगी। इसके लिए सरकार पूरी तरह प्रतिबद्ध है। मंत्री ने कहा कि सरकारी अस्पतालों में चिकित्सकों की कमी गम्भीर समस्या थी। पहले की सरकारों में इस दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए जिसके चलते जहां मरीजों को उचित इलाज नहीं मिल पा रहा था और कार्यरत चिकित्सकों पर काफी बोझ पड़ रहा था।
मंत्री ने बताया कि वर्तमान सरकार ने चिकित्सकों की कमी को गम्भीरता से लिया और इसको दूर करने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। चिकित्सकों की सेवानिवृत्ति की आयु 60 वर्ष से बढ़ाकर 62 वर्ष की गई। वाक इन इंटरव्यू के माध्यम से 1000 चिकित्सकों को चयनित करने की प्रक्रिया चल रही है। इसके अलावा 1000 चिकित्सकों के स्वीकृत पदों के सापेक्ष 300 चिकित्सकों की नियुक्ति की जा चुकी है। शेष के चयन की कार्यवाही की जा रही है।
स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि विभाग में लम्बे समय से 7328 चिकित्सकों के पद रिक्त चल रहे थे। इन पदों पर भर्ती की प्रक्रिया पूरी तरह बंद थी, जिसके कारण अस्पतालों में हर वर्ष चिकित्सकों का अभाव होता चला गया और बहुत से अस्पतालों में चिकित्सकों की भारी कमी हो गई। उन्होंने बताया कि वर्तमान सरकार ने अस्पतालों मे चिकित्सकों की उपलब्धता सुनिश्चित करने को सर्वोच्च प्राथमिकता दी है। फलस्वरूप लोक सेवा आयोग से बेहतर समन्वय स्थापित कर भर्ती प्रक्रिया में तेजी लाने का प्रयास किया गया, जिसके परिणाम स्वरूप 2065 चिकित्सकों की सूची जारी कर दी गई है।
मंत्री ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग ने वर्ष 2014-15 में 2220 तथा वर्ष 2015-16 में 1066 चिकित्सकों का अधियाचन आयोग को भेजा गया था, जिसमें से आयोग द्वारा 2065 चिकित्सकों की नियुक्ति के आदेश अब जारी किए गए हैं। मंत्री ने बताया कि वर्ष 2016-17 में 1181 तथा वर्ष 2017-18 में 1173 चिकित्सकों की भर्ती का अधियाचन भी आयोग को भेजा जा चुका है।