बच्चे की रोने की आवाज तो सुनाई दी पर दिखार्इ नहीं दिया
चलती ट्रेन में एक मासूम की किलकारियां ने सबको चौंका दिया
मुजफ्फरनगर। गुरुवार को चलती ट्रेन में एक मासूम की किलकारियां ने सबको चौंका कर रख दिया। बच्चे की रोने की आवाज तो आ रही थी, पर बच्चा कहीं नजर नहीं आ रहा था। ट्रेन के डब्बे में काफी तलाशने के बाद जैसे ही एक महिला ट्रेन में बने टॉयलेट के पास पहुंची तो मासूम की रोने की आवाज उसके अंदर से सुनाई दी।
इस डेढ़ साल के मासूम को दिल्ली से हरिद्वार जाने वाली उत्तकल एक्सप्रेस ट्रेन के टॉयलेट में बंद किया हुआ था। इसकी सूचना जीआरपी थाने को दी गर्इ तो ट्रेन में एस्कॉर्ट कर रहे जीआरपी के जवानों ने टॉयलेट से रोते-बिलखते बदहाल डेढ़ साल के एक मासूम को बरामद किया और मुजफ्फरनगर पहुंच कर जीआरपी थाने के सुपुर्द कर दिया।
टॉयलेट का दरवाजा खोलने पर दंग रह गए लोग
दरअसल, यह मामला उत्तर रेलवे की ट्रेन उत्तकल एक्सप्रेस का है, जो दिल्ली से बनकर निजामुद्दीन को होते हुए हरिद्वार जाती है। सुबह जैसे ही ट्रेन ने मेरठ जिला पार किया, ट्रेन के एक डिब्बे में बच्चे की रोने की आवाज सुनाई देनी शुरू हुई। बच्चे की आवाज तो आ रही थी पर बच्चा कहीं दिखाई नहीं दे रहा था। डिब्बे में रोने की आवाज सुन लोगों ने काेच में बच्चे की तलाश शुरू कर दी लेकिन बच्चा कही नहीं दिखाई दिया। जैसे ही एक महिला कोच में बने टॉयलेट के करीब पहुंची तो टॉयलेट के अंदर से मासूम के रोने की आवाज सुनाई दी। जब उस महिला ने टॉयलेट के गेट पर लगी चटकनी खोली तो अंदर का नजारा देख दंग रह गयी।
टॉयलेट से मिला डेढ़ साल का मासूम
टॉयलेट में एक डेढ़ साल का बदहाल मासूम रोये जा रहा था। उस महिला ने तुरन्त बच्चे को बाहर निकाला और थाना जीआरपी को सूचना दी। सूचना फ्लैश होते ही ट्रेन में एस्कॉर्ट कर रहे जीआरपी के दो जवान ट्रेन के डब्बे में पहुंचे और उस मासूम को टॉयलेट से बरामद किया। ट्रेन के मुजफ्फरनगर स्टेशन पर पहुंचते ही सिपाहियों ने इस मासूम को थाना जीआरपी के सुपुर्द कर दिया।
मासूम से जानकारी पाने की जा रही है कोशिश
मासूम को थाने में कोई उससे उसका नाम पूछने की कोशिश करता तो कोई उसके मम्मी पापा के नाम को बताने को कहता लेकिन बच्चा बोल नहीं पा रहा था। जीआरपी थाने की एचसीपी ने बच्चे को नहलाया और कपड़े पहनाकर तैयार किया। फिलहाल बच्चे की देखभाल के लिए जीआरपी में तैनात एचसीपी ऋतु त्यागी को लगाया गया है। ऋतु त्यागी ने बताया कि बच्चे को हम तब तक अपने पास रखेंगे, जब तक बाल संरक्षण गृह वाले इसे अपने पास नहीं रख लेते।
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