लालू यादव की पार्टी इसपर सहमत नहीं है। राजद चाहती है कि उसके खाते में चतरा और पलामू सीट आए, जबकि कांग्रेस उन्हें इनमें से कोई एक सीट देना चाहती है। 2019 के लोकसभा चुनाव में भी महागठबंधन में इन्हीं दो सीटों को लेकर विवाद खड़ा हुआ था। उस वक्त राजद को सिर्फ पलामू सीट दी गई थी, लेकिन उसने चतरा सीट पर भी अपना उम्मीदवार उतार दिया था।
नतीजा यह हुआ था कि चतरा में कांग्रेस और राजद दोनों पार्टियों के प्रत्याशी मैदान में बने रहे और भाजपा के हाथों करारी शिकस्त झेलनी पड़ी। अब देखना होगा कि इस बार दोनों दलों में सहमति बन पाती है या नहीं? राजद इस बार पलामू में ममता भुइयां को उम्मीदवार बना सकता है, जबकि चतरा में झारखंड की मौजूदा सरकार में मंत्री सत्यानंद भोक्ता, धीरेंद्र अग्रवाल, सुधीर सिंह, अरुण सिंह में से किसी एक को प्रत्याशी बनाया जा सकता है।
एक तरफ झारखंड में सीट शेयरिंग पर मसला फंसता दिखा रहा है तो दूसरी तरफ इंडिया गठबंधन में शामिल दलों ने बिहार में गुत्थी को सुलझा ली है। बिहार में राजद 26, कांग्रेस 9 और वामपंथी दल 5 सीटों पर लड़ेंगी। राजद नेता अब्दुल बारी सिद्दीकी ने इसकी घोषणा की।
उन्होंने बताया कि सीपीआई के खाते में बेगूसराय सीट गई है, जबकि सीपीएम के खाते में खगड़िया सीट गई है। सीपीआई (एमएल) आरा, काराकाट और नालंदा सीट पर अपने प्रत्याशी उतारेगी।
इसके अलावा राजद के खाते में गया, नवादा, जहानाबाद, औरंगाबाद, बक्सर, पाटलिपुत्र, मुंगेर, जमुई, बांका, वाल्मिकीनगर, पूर्वी चंपारण, शिवहर, सीतामढ़ी, वैशाली, सारण, सीवान, गोपालगंज, उजियारपुर, दरभंगा, मधुबनी, झंझारपुर, सुपौल, मधेपुरा, पूर्णिया, अररिया और हाजीपुर सीट गई है।
कांग्रेस के खाते में किशनगंज, कटिहार, भागलपुर, मुजफ्फरपुर, समस्तीपुर, पश्चिमी चंपारण, पटना साहिब, सासाराम और महाराजगंज सीट आई है।