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47 गांवों का संपर्क कटा बाढ़ से बर्बादी

locationअहमदाबादPublished: Jul 31, 2015 05:58:00 am

पिछले दो दिनों से
बारिश थमने के बाद उत्तर गुजरात के साबरकांठा व पाटण तथा कच्छ जिले के बाढ़
प्रभावित

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अहमदाबाद।पिछले दो दिनों से बारिश थमने के बाद उत्तर गुजरात के साबरकांठा व पाटण तथा कच्छ जिले के बाढ़ प्रभावित इलाकों में राहत व बचाव कार्य तेज कर दिए गए हैं। हालांकि अभी भी 47 गांव संपर्क विहीन बताए गए हैं।

इन क्षेत्रों में करीब दस हजार पशुओं के मौत की आशंका जताई जा रही है। भारी बारिश का असर फसलों पर पड़ा है। इस चलते मूंगफली, कपास, ग्वार व बाजरे की फसलों को नुकसान के आसार हैं। प्रभावित क्षेत्रों में करीब 200 सड़कें टूट चुकी हैं। इससे सड़क व रेल सड़क यातायात पर असर पड़ा है।


राहत व बचाव कार्य में भारतीय सेना, भारतीय वायु सेना, राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) तथा सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) की टीमें लगी हुई हैं। भारतीय सेना की टीम ने बनासकांठा जिला मुख्यालय पालनपुर के पास खुदम गांव तथा डीसा में प्रभावित लोगों को सुरक्षित स्थलों पर पहंुंचाया।

भारतीय वायुसेना के 4 एमआई 17 हेलीकॉप्टर ने बनासकांठा जिले की डीसा तहसील के जासरा गांव में बाढ़ में फंसे 16 महिलाओं व 15 बच्चों सहित दर्जनों लोगों को बचाया। वहीं सुरेन्द्रनगर के कुडा गांव में भी बचाने के साथ-साथ 72500 फूड पैकेट वितरित किए गए।

उधर एनडीआरएफ की छठी बटालियन की 15 टीमें प्रभावित इलाके में बचाव कार्य में लगी हुई हैं। टीम ने बीते कुछ दिनों में करीब हजार लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया है।

वहीं बीएसएफ का हेलिकॉप्टर भी बचाव कार्य में लगा है। गुजरात राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (जीएसडीएमए) के सहयोग से बनासकांठा, महेसाणा व कच्छ के प्रभावित इलाकों में नेहरू युवा केन्द्र संगठन व राष्ट्रीय सेवा योजना (एनएसएस) के स्वयंसेवी राहत व बचाव कार्य में जुटे हुए हैं।

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