scriptआधा सुनना, चौथाई समझना, कुछ नहीं सोचना… | Half listening, fourth understand, think nothing ... | Patrika News
अहमदाबाद

आधा सुनना, चौथाई समझना, कुछ नहीं सोचना…

पति-पत्नी के संंबंधों को लेकर सबसे बड़ी गलती यह है कि वे
आधा सुनते हैं, चौथाई समझते हैं, कुछ नहीं सोचते हैं वहीं दुगना प्रतिकार
करते हैं

अहमदाबादFeb 08, 2016 / 11:30 pm

शंकर शर्मा

Ahmedabad news

Ahmedabad news

अहमदाबाद. पति-पत्नी के संंबंधों को लेकर सबसे बड़ी गलती यह है कि वे आधा सुनते हैं, चौथाई समझते हैं, कुछ नहीं सोचते हैं वहीं दुगना प्रतिकार करते हैं।

गुजरात उच्च न्यायालय ने एक पत्नी व दो अन्य (पत्नी की फर्म के कर्मचारी) का आत्महत्या के लिए प्रेरित करने के मामले को खारिज करने की गुहार पर यह अवलोकन किया। न्यायालय ने निचली अदालत में पत्नी के खिलाफ जारी आपराधिक मामले को खारिज करते हुए यह कहा कि वैवाहिक जीवन के दौरान पति व पत्नी के बीच कुछ मतभेद हो सकते हैं। यदि पति बिना किसी आधार के शंका को अपने दिमाग में बनाए रखे और इसके बाद वह आत्महत्या जैसा कदम उठाए। ऐसी स्थिति में पत्नी के खिलाफ इस आरोप के तहत यह मुकदमा नहीं चलता है कि पत्नी ने पति को आत्महत्या के लिए प्रेरित किया। इस मामले में दो अन्य याचिकाकर्ताओं का कोई लेना देना नहीं है क्योंकि इन दोनों का पति-पत्नी की निजी जिंदगी से कोई लेना-देना नहीं है। इसलिए इस मामले में यही स्थिति देखी गई।

ये था मामला
पांच वर्ष पहले दिनेश सोनी (बदला नाम) का विवाह ममताबेन (बदला नाम) के साथ हुआ था। आरंभ में वैवाहिक जीवन ठीक ढंग से चल रहा था। लेकिन परेशानी तब शुरु हुई जब ममता एक फर्म में नौकरी करने लगी। दिनेश ने इसी फर्म में अपनी पत्नी को फर्म के एक अन्य पुरुष कर्मचारी के साथ देखा था। पति को यह लगने लगा कि उसकी पत्नी का फर्म के ही किसी अन्य कर्मचारी के साथ कोई अफेयर है।

दिनेश को यह भी लगा कि इस मामले में एक अन्य महिला कर्मचारी इन दोनों को नजदीक ला रही है। इस कारण दिनेश व ममता के बीच वैवाहिक जीवन में विवाद बढऩे लगा। पुलिस के अनुसार इन तीनों के कारण दिनेश आत्महत्या के लिए प्रेरित हुआ। दिनेश ने इन सभी बातों का सुसाइड नोट में उल्लेख किया था। पुलिस ने दिनेश को आत्महत्या के लिए प्रेरित करने के मामले में पत्नी ममता व फर्म के दो अन्य कर्मचारियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो