बेंगलूरू। राज्य सरकार ने वरिष्ठ वकील बीवी
आचार्य को जे.जयललिता अपील मामले में विशेष लोक अभियोजक (एसपीपी) नियुक्त किया है।
बीवी आचार्य ने मामले में एसपीपी का पद स्वीकार करते हुए सरकार की ओर से 18 पेज का
हलफनामा भी दाखिल कर दिया।
इससे पहले सर्वोच्च न्यायालय ने विशेष लोक
अभियोजक (एसपीपी) के तौर पर भवानी सिंह की नियुक्ति को गलत ठहराते हुए कहा था कि
तमिलनाडु सरकार के पास सिंह को एसपीपी नियुक्त करने का अधिकार नहीं है, क्योंकि
न्यायालय में मामला कर्नाटक सरकार चला रही है। लिहाजा एसपीपी की नियुक्ति का अधिकार
कर्नाटक सरकार के ही पास है। शीर्ष अदालत ने यह भी कहा कि आय से अधिक संपत्ति मामले
में जयललिता की याचिका पर आगे सुनवाई की जरूरत नहीं है।
इस बीच शीर्ष अदालत के
आदेशानुसार मामले में मंगलवार तक लिखित हलफनामा पेश किया जाना था। डीएमके नेता
के.अंबझगन ने सोमवार को ही लिखित हलफनामा पेश कर दिया जबकि सरकार की ओर से नियुक्त
होने के बाद आचार्य शाम चार बजे अदालत के सामने पर पेश हुए। उन्होंने 18 पेज का
हलफनामा अदालत में पेश किया। आचार्य पहले भी इस मामले में पैरवी कर चुके हैं। आय से
अधिक संपत्ति का मामला कर्नाटक स्थानांतरित होने के बाद जब ट्रायल शुरू हुआ उस वक्त
बीवी आचार्य ही मामले में विशेष लोक अभियोजक थे।