विस में लोकायुक्त के खिलाफ महाभियोग का प्रस्ताव स्वीकृत
बैंगलोरPublished: Nov 23, 2015 08:22:00 pm
लोकायुक्त के खिलाफ महाभियोग का प्रस्ताव सोमवार को विधानमंडल के निचले सदन
विधानसभा में सर्वसम्मति से स्वीकृत हो गया। हालांकि, विधान परिषद में
विपक्ष के प्रस्ताव पर अभी कोई निर्णय नहीं हो पाया है।
बेंगलूरु. लोकायुक्त जस्टिस वाई भास्कर राव को पद से हटाने की विपक्षी दलों की मुहिम को सोमवार को पहली सफलता मिली। लोकायुक्त के खिलाफ महाभियोग का प्रस्ताव सोमवार को विधानमंडल के निचले सदन विधानसभा में सर्वसम्मति से स्वीकृत हो गया। हालांकि, विधान परिषद में विपक्ष के प्रस्ताव पर अभी कोई निर्णय नहीं हो पाया है।
कांग्रेस ने किया समर्थन
पिछले सप्ताह मुख्य विपक्षी पार्टी भाजपा और जनता दल(ध) ने दोनों सदनों में अलग-अलग प्रस्ताव पेश किया था। शुक्रवार को ही विधानसभा अध्यक्ष कागोडु तिमप्पा ने विपक्ष के प्रस्ताव को स्वीकृत करने की घोषणा कर दी थी लेकिन कांग्रेस के भी प्रस्ताव का समर्थन करने की इच्छा जताने के बाद उस पर चर्चा टाल दी गई थी। सोमवार को तिमप्पा के निर्देश पर विपक्ष के नेता जगदीश शेट्टर और जनता दल(ध) नेता वाई एस वी दत्ता ने सदन में प्रस्ताव पेश किया। सत्तारुढ़ कांग्रेस ने भी विपक्षी दलों के प्रस्ताव का समर्थन करने की घोषणा की। मुख्यमंत्री सिद्धरामय्या ने कहा कि कांग्रेस भी प्रस्ताव का समर्थन करती है। सिद्धरामय्या ने कहा कि कांग्रेस प्रस्ताव को पूरा समर्थन देगी। विधि व संसदीय कार्यमंत्री टी बी जयचंद्रा ने कहा कि कांग्रेस इसके लिए अलग से कोई प्रस्ताव नहीं लाएगी क्योंकि संसदीय नियम इसकी इजाजत नहीं देते हैं। कांग्रेस विपक्ष के प्रस्ताव का ही समर्थन करेगी। हालांकि, जयचंद्रा ने यह कर सदन में उलझन की स्थिति पैदा कर दी कि अध्यक्ष को प्रस्ताव को विभिन्न पहलुओं का अध्ययन कर लेना चाहिए। विपक्षी सदस्यों के हंगामे के बीच अध्यक्ष ने कहा कि उन्होंने सभी पहलुओं पर विचार करने के बाद ही प्रस्ताव को पेश करने की अनुमति दी है क्योंकि सदन के प्रतिष्ठा की रक्षा उनकी पहली प्राथमिकता है।
तिमप्पा ने सदन में प्रस्ताव को स्वीकृत किए जाने की घोषणा करते हुए कहा कि इस पर जांच रिपोर्ट आने के बाद ही चर्चा होगी और तब तक सदन को इंतजार करना होगा।
गौरतबल है कि सरकारी अधिकारियों से लोकायुक्त छापे का भय दिखाकर धन ऐंठने के मामले में लोकायुक्त के पुत्र अश्विन राव और लोकायुक्त पुलिस के जनसंपर्क अधिकारी सैयद रियाज सहित छह लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है।
आगे क्या होगा
1. विधानसभा अध्यक्ष और विधान परिषद के सभापति दोनों सदनों में स्वीकृति प्रस्ताव की प्रति के साथ अपनी संयुक्त संस्तुति कर्नाटक उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश को भेजेंगे
2. मुख्य न्यायाधीश तीन सदस्यीय समिति गठित करेंगे, जो आरोपों की जांच करेगी। समिति में दो सदस्यों को मुख्य न्यायाधीश नामित करेंगे जबकि एक सदस्य को विधानमंडल के दोनों सदनों के पीठासीन अधिकारी
3. समिति 90 दिनों में मामले की जांच कर रिपोर्ट देगी
4. रिपोर्ट के आधार पर ही विधानमंडल में चर्चा होगी
5. चर्चा के बाद प्रस्ताव दो-तिहाई बहुमत से पारित होने पर उसे राज्यपाल के पास मंजूरी के लिए भेजा जाएगा
6. राज्यपाल की मंजूरी मिलने के साथ ही लोकायुक्त पद से विमुक्त हो जाएंगे