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ISIS के गढ़ पर रूस ने किया रासायनिक हमला, सैंकड़ों नागरिकों की मौत

Published: Dec 02, 2015 09:26:00 am

Submitted by:

Kamlesh Sharma

खूंखार आतंकवादी संगठन इस्लामिक स्टेट पर अब तक के सबसे बड़े हमले में रूस ने रासायनिक हथियारों से सीरिया में उनके गढ़ रक्का पर भयानक हमला किया है। इस हमले को गैर कानूनी बताया जा रहा है। 

खूंखार आतंकवादी संगठन इस्लामिक स्टेट पर अब तक के सबसे बड़े हमले में रूस ने रासायनिक हथियारों से सीरिया में उनके गढ़ रक्का पर भयानक हमला किया है। इस हमले को गैर कानूनी बताया जा रहा है। दरअसल, रूस ने रक्का के दो इलाकों को टारगेट कर आसमान से सफेद फॉस्फोरस रसायन द्वारा हमला किया है। 

इस हमले से शहर में तबाही मचने लगी है। बताया जा रहा है कि इस हमले में बगदादी के कई लड़ाकों सहित सैंकड़ों आम नागरिकों की भी मौत हो गई है। आतंक के नक्शे से बगदादी का नामोंनिशान मिटाने के लिए रुस ने कसम खा ली है। यही वजह है कि रूस लगातार बगदादी के ठिकानों पर हमला कर रहा है। 

यही नहीं रूस पूरे विश्व को आईएस के खिलाफ जोडऩे की कोशिश में लगा है। हाल में सीमा विवाद के चलते तुर्की ने रूस के विमान को मार गिराया था। जिसके बाद दोनों देशों के बीच तनातनी भी बढ़ गई। 
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कितना खतरनाक है 
सफेद फॉसफोरस का इस्तेमाल गैर-कानूनी है क्योंकि ये हड्डी और चमड़ी को जला देता है। इससे होने वाला जख्म जल्द नही ठीक होते। खतरनाक रासायनिक हथियार के इस्तेमाल के चलते रूस पर जेनिवा कन्वेंशन के उल्लंघन का आरोप लगा है।

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रूस-तुर्की में बढ़ी तकरार
लडा़कू विमान गिराए जाने के बाद रूस और तुर्की के बीच तकरार लगातार बढ़ती जा रही है। पेरिस में जलवायु सम्मेलन के दौरान रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने तुर्की के राष्ट्रपति तैयप एरदोगान से मिलने की पेशकश ठुकरा दी। 

पुतिन ने मंगलवार को तुर्की पर आरोप लगाया कि उसने इस्लामिक स्टेट संगठन से अंकारा के लिए किए जाने वाले तेल की आपूर्ति की हिफाजत के लिए रूसी के लड़ाकू विमान को मार गिराया। समेल्लन में में हिस्सा लेने आए 150 में से ज्यादातर देशों के नेताओं ने इसे तुर्की का कदम गैरजरूरी था।
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