scriptअपनी योजना आएगी “अपने हाथ” | Your plan will "hand" | Patrika News

अपनी योजना आएगी “अपने हाथ”

locationबारांPublished: Mar 04, 2015 12:26:00 am

ग्रामीण अंचल में आने वाले दिनों में
पेयजल योजनाओं के संचालन में केवल ग्राम पंचायतों की नहीं

बारां। ग्रामीण अंचल में आने वाले दिनों में पेयजल योजनाओं के संचालन में केवल ग्राम पंचायतों की नहीं, बल्कि जनता की भी भागीदारी रहेगी। इसके लिए पंचायत स्तर पर ग्राम जल एवं स्वच्छता समितियों का गठन होगा, सरपंच की अध्यक्षता में समिति में एक दर्जन से अधिक सदस्य होंगे। प्रदेश के दूसरे कुछ जिलों में जनसहभागिता से पेयजल योजनाओं के संचालन के ठीक परिणाम सामने आने के बाद दूसरे जिलों के लिए भी इसकी तैयारी की जा रही है। फिलहाल सरकारी आदेश तो नहीं, लेकिन इसके लिए तैयारी जरूर शुरू कर दी गई है।

ऎसे बनेगी समितियां
प्रत्येक ग्राम पंचायत क्षेत्र में उसके अधीन पेयजल योजनाओं के लिए पंचायत स्तर पर समिति बनेगी। इसमें 15 सदस्य होंगे। अध्यक्ष सरपंच के अलावा वार्ड पंच, स्वयंसेवी संगठन के सदस्य, एएनएम, ग्राम सेवक, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, बीपीएल परिवार का प्रतिनिधि, एससी, एसटी परिवार का सदस्य, जलदाय विभाग प्रतिनिधि, सम्बंधित उच्च विद्यालय के संस्था प्रधान आदि इसमें शामिल होंगे। जिले में 221 ग्राम पंचायतों में ये समितियां बननी है। कुछ पुरानी समितियों का पुनर्गठन होगा।

वहां तो फिर यहां भी
जलदाय विभाग अन्तर्गत सम्प्रेक्षण एवं क्षमता संवर्द्धन इकाई के सूत्रों के अनुसार तमिलनाडु जैसे प्रदेशों में अधिकांश पेयजल योजनाएं इसी ढर्रे पर संचालित है। इसके अलावा प्रदेश के राजसमंद, झुंझुनू जैसे जिलों के कई क्षेत्रों में भी ऎसा चल रहा है। वहां के ठीक परिणाम आने पर अन्य जगहों के लिए भी विचार चल रहा है। राष्ट्रीय ग्रामीण पेयजल कार्यक्रम के तहत जिले में अभी 50 जगह ऎसी समितियां बननी है।

पेयजल योजनाओं को इन समितियों के माध्यम से संचालित करने के फिलहाल सरकारी आदेश तो नहीं हैं, लेकिन आगामी दिनों के लिए यह सब तैयारी चल रही है। निर्णय सरकारी स्तर पर होगा। वी. के. चतुर्वेदी, अधीक्षण अभियंता जलदाय विभाग, बारां

अभी ठीक नहीं हाल
जिले में मौजूदा समय में पंचायतसंस्थाओं के अधीन संचालित पेयजल योजनाएं अधिकांश जगह बुरे दौर में है। जिले के चार ब्लॉकों के ढाई दर्जन गांवों में शुरू की गई स्वजलधारा योजनाओं की गति एक दर्जन से अधिक जगह मंद पड़ गई है। इसी तरह आधी से अधिक जगहों पर जनता जल योजना का भी ऎसा ही हश्र हो रहा है। नए बदलाव के तहत ग्रामीण पेयजल योजनाओं का संचालन केचल ग्राम पंचायत या सीमित समिति नहीं करेगी, बल्कि हर वर्ग की भागीदारी के साथ बनाई गई समितियां करेगी।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो