पूरा किराया, जान हथेली पर
क्षेत्र में अवैध व ओवरलोड वाहनों का
बोलबाला है। विभिन्न रूट में चलने वाली निजी बसें ऊपर-नीचे भर जाने
बायतु। क्षेत्र में अवैध व ओवरलोड वाहनों का बोलबाला है। विभिन्न रूट में चलने वाली निजी बसें ऊपर-नीचे भर जाने के बाद सवारियां सीढियों पर लटकर यात्रा करने को मजबूर हैं। इस तरह से से यात्रा करने वाले लोगों से किराया तो पूरा वसूला जाता है, लेकिन यात्रा जान पर खेल कर करनी होती है।
कई गांवों की सड़कें खराब होने के साथ तेजी से दौड़ रही बसों से कभी भी दुर्घटना हो सकती है। चवा-फलसूण्ड स्टेट हाईवे पर यह नजारा लगभग रोजाना देखने को मिलता है। इनके अलावा चारे व अन्य सामान से भरे ओवरलोड वाहनों से भी वाहन चालकों को परेशानी का सामना करना पड़ता है।
आस-पास के गांवों में छोटे-बड़े मार्गो पर चारे से भरे वाहन तेजी से दौड़ते रहते हैं। आस-पास में झूल रहे चारे की वजह से पीछे से आने वाले वाहन चालकों को आगे की स्थिति दिखाई नहीं देती। वहीं सामने से आ रहे वाहन चालकों को भी ओवरटेकर कर रहा वाहन नजर नहीं आता। ऎसे में कभी भी दुर्घटना होने की आशंका रहती है। ये ओवर लोड वाहन पुलिस व परिवहन विभाग की आंखों के सामने से धड़ल्ले से गुजर रहे हैं, लेकिन इनके खिलाफ कार्रवाई की जहमत कोई नहीं करता। क्षेत्र में आए दिन होने वाले सड़क हादसों से प्रशासन कोई सबक लेता नहीं दिख रहा है।
स्पीड पर लगाम नहीं
गांवों की सड़कों पर दौड़ने वाले ओवरलोड वाहनों की गति पर कोई नियंत्रण नहीं है। इनकी वजह से कई बार दुर्घटनाएं हो जाती है। ज्यादा रफ्तार होने के कारण कई बार वन्य जीव इनकी चपेट में आ जाते हैं तथा अकाल मौत के ग्रास बन जाते हैं। प्रशासन के लापरवाह रवैये के कारण सड़क हादसों मे आए दिन बढ़ोतरी हो रही है।