भीलवाड़ा। ओलावृष्टि ने जिले के 70 फीसदी
काश्तकारों से डोडे की कमाई छीन ली है। वहीं 30 फीसदी काश्तकारों पर वित्तीय वष्ाü
2015-16 में अफीम पट्टे कटने का संकट गहरा गया है। इस बीच जिला अफीम विभाग ने
वित्तीय वष्ाü की अफीम तौल एक अप्रेल से शुरू करने की तैयारी कर दी है।
जिले में भारी बारिश के साथ हुई ओलावृष्टि से खेतों में करीब 50 फीसदी
खराबा हुआ है। खराबे के नुकसान को लेकर गिरदावर व राजस्व कर्मी गांवों में हैं।
जिला अफीम विभाग को मिली खराबे की प्रारम्भिक रिपोर्ट के अनुसार प्रदेश में अफीम
में सर्वाधिक खराबा भीलवाड़ा जिले में हुआ है। यहां करीब 30 फीसदी काश्तकारों की
अफीम बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि में गल गई है।
21 गांवों में
नुकसान
आंकड़े बताते हैं कि अफीम ऊपज क्षेत्र में 21 गांवों में काले सोने को
भारी नुकसान हुआ है। कोटड़ी तहसील के खजीना, बड़ला, सवाईपुर और बनका खेड़ा में 70
फीसदी अफीम नष्ट हो गई है। इसके अलावा सालरिया, बीरमियास, जावल, देवरिया, रेन,
होलिरड़ा, विट्ठलपुरा, सराणा, लोटियास, सुरास तथा जहाजपुर तहसील के मनोहरपुरा,
कावरी व हसडा तथा बिजौलिया तहसील के चांदजी की खेड़ा, बृजपुरा व गोपाल विलास में भी
अफीम को नुकसान हुआ है।
पट्टे पर तलवार
जिले में 748 हेक्टेयर क्षेत्र
में अफीम की उपज के लिए केन्द्रीय नारकोटिक्स विभाग ने भीलवाड़ा संभाग के 212
गांवों के 4522 काश्तकारों को पट्टा दिया है। प्रारंभिक सर्वे रिपोर्ट के अनुसार
संभाग में भीलवाड़ा जिले में ही सर्वाधिक नुकसान हुआ है। यहां 70 फीसदी किसानों ने
डोडे में चीरा लगाते हुए अफीम उतार ली थी, लेकिन शेष्ा 30 फीसदी चीरा लगाने के बाद
भी अफीम का दूध पूरा नहीं निकाल सके। इससे उनकी औसत उपज का आंकड़ा गड़बड़ा गया है।
वहीं पूरे जिले में 70 फीसदी काश्तकारों ने डोडे व पोस्तदाने की ऊपज नहीं उठा सके।
410 हंकाई के आवेदन
जिले में 410 काश्तकारों ने हंकाई के लिए आवेदन किया
था। विभाग ने हंकाई को लेकर दो टीम गठित की है। एक टीम की अगुवाई जिला अफीम अधिकारी
रामफल चौधरी कर रहे हैं जबकि दूसरी टीम कोटा से आई है। यहां हंकाई का कार्य इसी
सप्ताह पूर्ण कर लिया जाएगा।
अफीम तुलाई एक से
भीलवाड़ा संभाग की अफीम
तुलाई एक अपे्रल से शुरू हो गई। पहला अफीम तौल केन्द्र सिंगोली श्याम मंदिर
धर्मशाला में एक से 14 अप्रेल तक होगा। इसके बाद यहां भीलवाड़ा में इंदिरा गांधी
सामुदायिक भवन में दूसरा तौल केन्द्र 17 अप्रेल से 20 अप्रेल तक होगा। दोनों
केन्द्र पर बिजौलियां, कोटड़ी, जहाजपुर व माण्डलगढ़ तथा चित्तौड़गढ़ जिले के
रावतभाटा, राशमी, गंगरार व बेगूं तहसील के काश्तकारों की ऊपज तुलेगी।