scriptमहाराष्ट्र-छग में मप्र ने मांगी कोयला खदानें | MP demands coal mines in Mahrashtra and CG | Patrika News

महाराष्ट्र-छग में मप्र ने मांगी कोयला खदानें

locationभोपालPublished: Mar 01, 2015 05:02:00 pm

प्रदेश में बिजली उत्पादन को
बढ़ाने के लिए सरकार ने भावी
योजनाओं पर काम शुरू कर दिया
है

Coal mines

Coal mines


भोपाल। प्रदेश में बिजली उत्पादन को बढ़ाने के लिए सरकार ने भावी योजनाओं पर काम शुरू कर दिया है। इसके तहत प्रदेश सरकार ने अब महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ में कोयला खदानें चाही हैं। इसमें करीब 1278 मिलियन टन कोयले की खदानों को चाहा गया है। कोयला मंत्रालय ने इन तीनों खदानों के लिए आवेदन बुलाए थे। मार्च में यह खदानें आवंटित की जानी है। इसलिए प्रदेश सरकार ने महाराष्ट्र में 68.5 मिलियन टन की कोयला खदान के लिए आवेदन किया है।
वहीं छत्तीसगढ़ की गरेवलमा-2 और 3 खदानों के लिए भी प्रदेश ने आवेदन किया है। इसमें दो नंबर खदान 1000 मिलियन टन कोयले की है। यहां का कोयला बिरसिंहपुर प्लांट के लिए मांगा गया है। वहीं तीन नंबर खदान 210 मिलियन टन कोयले की है। यहां का कायेला सिंगाजी की तीन नंबर यूनिट के लिए मांगा गया है। महाराष्ट्र की खदान भी सिंगाजी यूनिट के लिए मांगी गई है। मप्र पॉवर जनरेशन कंपनी के एमडी वी नानावटी ने बताया कि भविष्य की जरूरतों के लिए महाराष्ट्र व छग की खदानों से कोयला लगेगा।
कोयले की कमी से दिक्कतें

प्रदेश लगातार कोयले की कमी से जूझ रहा है। इसलिए कोयला खदानों के आवंटन में जमकर हिस्सेदारी की है। प्रदेश 2024 के हिसाब से कोयले के इंतजाम में जुटा है। जनरेशन कंपनी का अनुमान है कि 2024 तक प्रदेश में बिजली की मांग ढ़ाई गुना तक बढ़ जाएगी। इसलिए उसके आपूर्ति के लिए कोयले का इंतजाम भी करना होगा, ताकि प्रदेश की इकाइयां पर्याप्त उत्पादन कर सके। अभी औसत 6000 मेगावाट बिजली की मांग रहती है।
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