वहीं छत्तीसगढ़ की गरेवलमा-2 और 3 खदानों के लिए भी प्रदेश ने आवेदन किया है। इसमें दो नंबर खदान 1000 मिलियन टन कोयले की है। यहां का कोयला बिरसिंहपुर प्लांट के लिए मांगा गया है। वहीं तीन नंबर खदान 210 मिलियन टन कोयले की है। यहां का कायेला सिंगाजी की तीन नंबर यूनिट के लिए मांगा गया है। महाराष्ट्र की खदान भी सिंगाजी यूनिट के लिए मांगी गई है। मप्र पॉवर जनरेशन कंपनी के एमडी वी नानावटी ने बताया कि भविष्य की जरूरतों के लिए महाराष्ट्र व छग की खदानों से कोयला लगेगा।
कोयले की कमी से दिक्कतें प्रदेश लगातार कोयले की कमी से जूझ रहा है। इसलिए कोयला खदानों के आवंटन में जमकर हिस्सेदारी की है। प्रदेश 2024 के हिसाब से कोयले के इंतजाम में जुटा है। जनरेशन कंपनी का अनुमान है कि 2024 तक प्रदेश में बिजली की मांग ढ़ाई गुना तक बढ़ जाएगी। इसलिए उसके आपूर्ति के लिए कोयले का इंतजाम भी करना होगा, ताकि प्रदेश की इकाइयां पर्याप्त उत्पादन कर सके। अभी औसत 6000 मेगावाट बिजली की मांग रहती है।