भोपाल। अब मध्यप्रदेश सरकार भी आदिवासी बच्चो के लिए गुरुकुल खोलने की तैयारी कर रही है। ये गुरुकुल राष्ट्रीय स्वयंसेवक की तर्ज पर तैयार होने वाले इन गुरुकुलों के लिए आदिम जाति कल्याण विभाग योजना तैयार कर रहा है। इसके तहत भोपाल, इंदौर, ग्वालियर और जबलपुर के साथ ही शहडोल संभाग मुख्यालय में शुरू किए जाएंगे। संभाग स्तर पर शुरू होने वाले ये गुरुकुल कक्षा छह से कक्षा बारहवीं तक होंगे।
बेहतर शिक्षा देना है उद्देश्य
आदिम जाति कल्याण विभाग के जिम्मेदारों के मुताबिक ज्यादातर आदिवासी जिलों में बच्चों को अच्छी शिक्षा के लिए इंग्लिश मीडियम स्कूल नहीं हैं। ऐसे में सरकार और विभाग का यह कदम इन बच्चों के भविष्य के लिए बेहतर नींव साबित होगा। हर क्लास में 60 सीटों के साथ शुरू होने वाले ये गुरुकुल इन बच्चों को निशुल्क शिक्षा उपलब्ध कराएंगे। हालांकि इन गुरुकुलों में एडमिशन के लिए एक निश्चित आधार तय किया जाएगा। फिलहाल इस पर विचार किया जा रहा है।
जेईई और मेडिकल की तैयारी भी
गुरुकुल में पढ़ाने वाले शिक्षक छात्र-छात्राओं को जेईई और मेडिकल एंट्रेंस एग्जाम की भी तैयारी कराएंगे। गौरतलब है कि कि मंडला में सरकार द्वारा दी जा रही कोचिंग से कई आदिवासी बच्चों ने नीट परीक्षा में सफलता प्राप्त की है।
इसकी सफलता के साथ ही इन स्कूलों में भी इसे शुरू करने का फैसला लिया गया है।
प्रमुख सचिव ने भोपाल में देखी थी जमीन
जानकारी के मुताबिक आदिम जाति कल्याण विभाग की प्रमुख सचिव अलका उपाध्याय पिछले दिनों भोपाल में खुलने वाले गुस्कुल के लिए जमीन देखने गई थीं। इस आवासीय स्कूल के लिए विभाग को संभाग स्तर पर करीब 2 से 3 एकड़ जमीन की जरूरत होगी।
आदिवासी बच्चों के लिए गुरुकुल की योजना को जल्द ही कैबिनेट के समक्ष रखा जाएगा।
अलका उपाध्याय, प्रमुख सचिव, आदिम जाति कल्याण विभाग