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तमाशा में रणबीर के साथ दीपिका ने की Awesome एक्टिंग: रणवीर

Published: Nov 30, 2015 10:33:00 am

रणवीर ने कहा कि मैं खुश हूं कि मैं एक एक्टर के तौर पर दीपिका से अपनी केमेस्ट्री सही से बिठाने से सफल रहा

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रोहित तिवारी/ मुंबई ब्यूरो
निर्देशक संजय लीला भंसाली और अभिनेत्री दीपिका पादुकोण के साथ दूसरी फिल्म में अपने अभिनय से लोगों के दिलों पर राज करने में सफल रह चुके रणवीर सिंह इस बार फिल्म ‘बाजीराव मस्तानी’ में एक योद्धा के रूप में नजर आने वाले हैं। वे अपने रोल और भंसाली व दीपिका के साथ काम करने को लेकर बहुत ही एक्साइटेड हैं। इसी सिलसिले में ”पत्रिका” से हुई एक खास मुलाकात के दौरान रणवीर सिंह ने खुद से रिलेटेड काफी कुछ शेयर किया। चलिए जानते हैं उसके कुछ अहम अंश –

पहले तो आप निर्देशक संजय लीला भंसाली के साथ काम का अनुभव बताइए, कैसा रहा?
(मुस्कुराते हुए…) भंसाली जी तो बिल्कुल खरगोश की तरह हैं। एक तो बहुत ही क्यूट हैं, साथ ही सेट पर निर्देशन के समय उनका क्रिएटिवपना काफी झलकता है। सेट पर सुबह पहुंचते ही उनका दिमाग एकदम भागने लगता है और फिर वे इधर से उधर ही करते नजर आते हैं और उस समय सेट पर मौजूद सारे टेक्नीशियन व एक्टर्स को उन्हें समझने के लिए उनके पीछे भागना होता है… सुनने को और जो भी वे चाहें बस कर दिखाने का। इस लिहाज से वे खरगोश की तरह भागते हैं और हम उनके पीछे। किट-किट-किट… (खास तो यह है कि ऊपर से नीचे तक जनाब खरगोश प्रिंटेड शर्ट और टाउजर ही पहने भी थे।)

बाजीराव के जीवन के बारे में आप कितना जान सके?
जी हां… काफी कुछ सीखने को मौका मिला। दरअसल, हमारे स्कूल के समय से जो लोगों को इतिहास पढ़ाया गया होगा। उस समय तो मैं बड़ा ही फिल्मी बच्चा हुआ करता था। इस लिहाज से पहले तो बाजीराव का मतलब ही समझ में नहीं आया। फिर एक दिन जिनका मैं फैन हूं… संजय लीला से संबंधित एक आर्टिकल पढ़ा था, जिसमें पता चला कि वे बाजीराव मस्तानी बनाना चाह रहे हैं। फिर उसे जानने की चाहत में मैं भंसाली जी की ओर खिंचा सा चला आया और ‘रामलीला’ के टाइम ही उन्होंने मुझे सचेत कर दिया था कि वे ऐसा करने वाले हैं, लेकिन फाइनली ऑफर मुझे ‘गुंडे’ के लिए मिला। बस, फिर मैं जैसे ही उनके ऑफिस से बाहर निकला तो नेट में सर्च मारा, तब पता चला कि सच में ‘वह’ कितना महान इंसान था। यानी उस समय का उस जैसा हर विधा में पारंगत कोई योद्ध ही नहीं रहा होगा। इस लिहाज से मुझे यकीन है कि लोग मुझे पसंद जरूर करेंगे…।

आप शूटिंग के दौरान घायल हुए थे तो क्या उसका दर्द जिंदगी भर याद रहने वाला है?
जी हां… बहुत मुझे दाहिने कंधा पूरी तरह से फट गया था और मैं राइटी भी हूं, फिर सर्जरी भी बड़ी हुई थी। उस समय सोच में पड़ गया था कि तलवारबाजी से लेकर घुड़सवारी तक में कंधे की बड़ी जरूरत पडऩे वाली है। मैं एक डॉक्टर की बदौलत ऐसा कर पाया। बस… मैंने हार नहीं मानी और लग गया। उस दर्द भरी अवस्था में भी मेरा एनर्जी लेवल इतना हाई रहता था कि सेट पर मौजूद लोग मुझसे पूछते थे कि आखिर मैं ऐसा कर कैसे ले रहा हूं। खैर, ईश्वर का रहम-ओ-करम है कि मैं खुद को साबित कर सका। यानी चोटिल अवस्था में भी मैंने अपना शत-प्रतिशत दिया है और अपने कैरेक्टर से साथ पूरा न्याय किया है, जो जल्द ही आप सभी के सामने होगी। (बस, मुस्कुराने लगते हैं…)

क्या-क्या आपको नया सीखने को मिला, घुड़सवारी और तलवारबाजी कितने समय में सीख पाए आप?
जी, समय तो लगा। क्योंकि पहले तो मैंने रिकवर होने के लिए जिम को तवज्जा दी। फिर शूटिंग की डेट क्लियर होते ही मैं प्रैक्टिस में लग गया था। शूटिंग से पहले और बाद में सुबह व शाम दो शिफ्ट में दो-दो घंटे क्रमश: घुड़सवारी व तलवारबाजी की जम कर प्रक्टिस करता था, जिसकी वजह से मैं खुद के साथ न्याय कर पाने में सफल रह सका। वाकई में… मैंने उन पलों को काफी एंज्वॉय किया है। (एक लम्बी सांस लेते हैं…)

अभिनेत्री दीपिका के बारे में क्या कहना चाहेंगे?
(हंसते हुए…) वाकई में मेरी उनके साथ जर्नी काफी अच्छी रही। इससे पहले भी हमारी बड़े पर्दे पर हमारी जोड़ी को सराहा गया था और इस बार भी हमें अपने चाहने वालों से काफी उम्मीदें हैं। मैं खुश हूं कि मैं एक एक्टर के तौर पर दीपिका से अपनी केमेस्ट्री सही से बिठाने से सफल रहा। वाकई में दीपिका गजब की एक्टर हैं, हालिया रिलीज तमाशा में रणबीर के साथ भी उन्होंने Awesome अभिनय किया है। इस लिहाज से सभी का एक तरह गोल्डन फेस इंडस्ट्री में लगभग सभी के लिए आता है, जहां वह खुद को साबित कर सकता है…।

एक तरह से देखा जाए तो उस जमाने में भी वह एक्स्ट्रा मेरिटल अफेयर ही हुआ करता था, इस बारे में आपकी क्या राय है?
पर्सनली देखा जाए तो यह सब आपके दिल पर निर्भर करता है। वाकई में फिल्म कंप्लीट होने पर पता चला कि उस जमाने के लोग भी अपने हृदय की ही सुनते थे। वैसे भी इस फिल्म में एक दर्शनार्थी को दर्शाया गया है। इस लिहाज से अभिनय में हमने पर्सनली तौर पर भी दिल से अपना शत-प्रतिशत दिया है और उसे लोग पसंद भी करेंगे।

आप दिल धड़कने दो जैसी फिल्म में मिली कुछ असफलता को किस लिहाज से देखते हैं?
(कुछ जुदा अंदाज में…) नहीं, मुझे तो नहीं लगता कि वह असफल रही थी। वैसे भी इंडस्ट्री की हर फिल्म में थोड़ा-बहुत तो नफा-नुकसान लगा ही रहता है। अब उस सफलता या असफलता को आप किसी एक के सिर पर नहीं डाल सकते। क्योंकि किसी भी तरह की मिली असफलता को माना जाता है कि उसके प्रयास में कहीं न कहीं थोड़ी कमी जरूर रही होगी। बी-टाउन का हर एक्टर मेरी ही तरह अपना 100 प्रतिशत देता है, लेकिन उसके पीछे एक टीम और कई तरह की फैक्टर्स का भी हाथ होता है। इसलिए मैं तो बस आगे बढ़ने और कुछ नया करने की जद्देजहद में लगा रहता हूं और मेरा मानना है कि हर ईमानदार एक्टर को पीछे मुड़कर नहीं देखना चाहिए।
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