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शीर्ष संस्थाओं के बीच भी सुविधाओं का अभाव

locationचेन्नईPublished: May 04, 2016 12:08:00 am

आम आदमी आज की घटिया राजनीति से चाहे जितना भी दुखी क्यों न हो लेकिन सामाजिक समानता का जितना

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चेन्नई।आम आदमी आज की घटिया राजनीति से चाहे जितना भी दुखी क्यों न हो लेकिन सामाजिक समानता का जितना सुंदर उदाहरण चुनाव के दिनों में देखने को मिलता है उतना ना तो इसके पहले और ना ही इसके बाद। इन दिनों जहां एक तरफ राजा रंक बनकर सड़कों पर भीख मांगते नजर आते हैं वहीं आम आदमी राजा बनकर निर्णायक की भूमिका में नजर आने लगता है।

एक दौर था जब राजनीति समाजसेवा के पर्याय के रूप में जानी जाती थी और नेता समाज सेवक समझे जाते थे। लेकन आज समाजसेवा और राजनीति एक दूसरे के विलोम एवं नेता समाज सेवक नहीं बल्कि जन प्रतिनिधि के रूप में जाने जाते हैं। महानगर के वेलचेरी विधानसक्षा क्षेत्र में भी इस समय विभिन्न पार्टियों के प्रतिनिधि लोगों के बीच जाकर वोट मांगते नजर आ रहे हैं लेकिन जब इनसे इलाके की सुविधाएं के बारे में बात करते हैं तो ये विकास की झूठे दावे और वादे करते नजर आते हैं।

शीर्ष संस्थानों के बीच बुनियादी सुविधाओं की कमी

वेलचेरी विधानसभा क्षेत्र आईटी कंपनियों, आईआईटी, सीएलआरआई, निफ्ट, निओट सहि कई राष्ट्रीय स्तर के संस्थान होने के कारण चर्चित इलाका माना जाता है। यहां बड़ी-बड़ी रिहायशी इमारतें भी है और शापिंग मॉल्स भी। समुद्र का किनारा भी यहां आपको अपनी ओर खींचेगा।

इतना सब कुछ होते हुए भी ये इलाका बुनियादी सुविधाओं के अभाव में संघर्ष करता नजर आता है। दिसंबर की शुरुआत में आई बाढ़ ने यहां के विकास की असली हकीकत से दुनिया भर को परिचित करा दिया। अभी भी इस सीट के कई इलाके ऐसे हैं जो बाढ़ से अब तक नहीं उभर पाएं हैं। 2008 के परिसीमन के बाद अस्तित्व में आए वेलचेरी विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत महानगर के अडयार, तिरुवान्म्यूर, बेसेंट नगर, तरमणि शामिल हैं। चुनाव के नजरिए से देखें तो यहां मुख्य मुकाबला एआईएडीएमके और डीएमके के बीच ही है। एआर्ईएडीएमके ने जहां इस सीट पर निगम पार्षद एम.सी. मुन्नुस्वामी को मैदान में उतारा हैं वही डीएमके ने वागी चंद्रशेखर को पार्टी का टिकट दिया है।

दलदली इलाकेे से सटा होने के कारण बाढ़ की परेशानी पल्लीकरणै के दलदली इलाकेे से सटा होने के कारण अधिकांशत: वेलचेरी को बाढ़ और बारिश की समस्याओं से दो चार होना
पड़ता है।

लोगों का कहना हैं कि नगर निकाय द्वारा नालियों के निर्माण के बावजूद इस निचले स्तर पर बसे होने के कारण इस इलाके को बाढ़ की समस्या से जूझना पड़ता है। कई कल्याणर्ताओं का मानना है कि दिनों दिन बढ़ती आबादी एवं बढ़ते अतिक्रमण के कारण पल्लीकरणै मार्श में कचरा फेंकने का स्थान घटता एवं सिमटता जा रहा है। इसी का परिणाम है कि इलाके के लोगों को बाढ़ एवं जल जमाव से जूझना पड़ता है।

नेताओं की अनदेखी का शिकार तरमणि लिंक

तरमणि लिंक रोड का काम वर्षों पहले शुरू होने के बाद भी जन प्रतिनिधियों की लापरवाही के कारण अभी तक अधूरा पड़ा है। हालांकि बाढ़ के बाद कई सड़कों को दुरुस्त कर दिया गया है लेकिन राज्य की सबसे बड़ी सीटों में से एक इस निर्वाचन क्षेत्र में यातायात एवं प्रदूषण की समस्याएं अभी तक बनी हुई हैं।

पानी तो सूखा लेकिन डर अभी भी बरकरार

राष्ट्रीय गणितीय विज्ञान संस्थान के शोधार्थी धीरज मिश्र ने नेताओं के दावों एवं उनके कामों पर टिप्पणी करते हुए काफी आक्रोशित हो गए। उन्होंने कहा कि बाढ़ के दौरान घुटनों तक पानी भरा हुआ था। मलीन बस्तियों की हालत और भी दयनीय थी। समय गुजरने के साथ बाढ़ का पानी तो चला गया लेकिन दूसरा कुछ भी नहीं बदला। अगर आज फिर पानी बरस जाए तो वहीं तबाही फिर से आ जाएगी। नेताओं पर नकारात्मक टिप्पणी करते हुए उन्होंने कहा कि बाढ़ के समय ये लोग हमारे हाथों से खाना छीनकर उसपर अपने नेता का लेबल लगाने में लगे हुए थे।

स्थानीय लोगों का कहना…

पीक अवर्स में यातायात की समस्या इलाके में व्यावसायिक केंद्रों के बढऩे के कारण यातायातकी समस्या बनी रहती है। गाडिय़ों की भीड़ के कारण पीक अवर्स में मुख्यमार्ग बाधित होना आम बात है।
उषा यादव, निवासी वेलचेरी
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