कोयम्बत्तूर जिले में एक और वन रेंज
चेन्नईPublished: Apr 30, 2016 11:52:00 pm
कोयम्बत्तूर जिले में वन्य जीवों और मनुष्यों के बीच बढ़ते संघर्ष पर रोकथाम के लिए एक और रेंज का गठन
कोयम्बत्तूर।कोयम्बत्तूर जिले में वन्य जीवों और मनुष्यों के बीच बढ़ते संघर्ष पर रोकथाम के लिए एक और रेंज का गठन किया गया है। नई रेंज का मुख्यालय मदुकराई में कायम किया गया है। यहां रेंजर के तौर पर एम.सेंथिलकुमार को नियुक्त कर दिया गया है। कोयम्बत्तूर जिले में अब वन विभाग की सात रेंज हो गई हैं। नई रेंज का गठन कोयम्बत्तूर व वोलम्बपत्ती रेंज के पुननिर्धारण कर के किया गया है।
एक अधिकारी ने बताया कि कोयम्बत्तूर जिले में कोयम्बत्तूर सहित वोलम्बपत्ती ,पेरियानायकनपालयम, करमदाई, मेट्टूपालयम व सिरुमगाई में पहले से ही रेंज कायम हैं। वन विभाग को मदुकराई इलाके में वन्यजीवों के आबादी क्षेत्र में आने की लगातार सूचनाएं मिल रही है। विशेष रुप से हाथी यहां फसलों को नष्ट करने के साथ मकानों को भी नुकसान पहुंचाते हैं। पिछले कई सालों में लोगों पर हाथियों के हमले की घटनाएं भी बढ़ी हैं।
इस इलाके के लोग वन्यजीवों से त्रस्त हैं। आए दिन लोग वन अधिकारियों के सामने न केवल प्रदर्शन करते हैं। बल्कि खरीखोटी सुनाने से भी नहीं चूकते। वन्यजीवों से परेशान लोग यह चेतावनी भी देते हैं कि वन विभाग कोई इंतजाम नहीं कर पाए तो वे खुद इनसे निबट लेंगे। वन विभाग ने इन हालातों पर काबू पाने के लिए प्रदेश सरकार को नई रेंज के गठन का प्रस्ताव भेजा था। इसे स्वीकार कर लिया गया। वन विभाग ने अपने प्रस्ताव में बताया कि नई रेंज बन जाने के बाद जंगल और जंगली जानवरों का बेहतर प्रबंधन किया जा सकेगा।
इससे मानव व वन्य जीवों के संघर्ष में निश्चित तौर पर कमी आएगी। रेंजर सेंथिल कुमार ने बताया कि पिछले दिनों में करीब 19 हाथियों का झुण्ड आबादी के पास तक आ पहुंचा था। एक हाथी तो इस इलाके में आए दिन आ धमकता है। नवम्बर 2015 में चौंतीस साल के किसान एस धर्मन को हाथी ने कुचल कर मार दिया था।
यही नहीं पिछले साल एक वन गार्ड भी हाथी के हमले में मारा गया। नई रेंज के लिए सरकार ने पद भी स्वीकृत कर दिए हैं। यहां रेंजर सहित ,तीन फोरेस्टर,शिकारियों पर रोकथाम के लिए बारह सदस्यीय दल, वनसंपदा की चोरी पर अंकुश के लिए आठ गार्ड, वन क्षेत्र पर निगरानी के लिए आठ कर्मचारी, आठ वन गार्ड के पद मंजूर कर दिए गए हैं।