सड़क पर पैदल चलता देख अनजान बुजुर्ग को एक युवा जोड़े ने गिफ्ट कर दी कार
आज के दौर में जहां लोग अपनी इच्छाओं को पूरा करने में उम्र गुजार देते हैं
वहीं कुछ लोग एेसे भी हैं जो दूसरों की मदद करने के लिए समय निकालते हैं।
•Dec 13, 2015 / 10:19 am•
आज के दौर में जहां लोग अपनी
इच्छाओं को पूरा करने में उम्र गुजार देते हैं वहीं कुछ लोग एेसे भी हैं जो
दूसरों की मदद करने के लिए समय निकालते हैं। सीन मेरिल व उनकी बीवी
डेरीलिन नाम का यह जोड़ा भी कुछ ऐसे ही लोगों में गिने जाते हैं।
इस
जोड़े ने जब एक स्कूल में केयरटेकर का काम करने वाले रॉबर्ट फोर्ड को कार
की चाबी सौंपी तब सभी हैरान रह गए। उन्होंने एक अनजान शख्स की जो मदद की,
वह वाकई काबिलेतारीफ है। इस कार्य को करने का ख्याल इन्हें तब आया जब
इन्होंने एक बुजुर्ग को पैदल लंबी दूरी तय करते देखा।
सीन
मेरिल बताते हैं, ‘एक रेड लाइट सिग्नल पर मैंने देखा कि एक अधेड़ उम्र का
शख्स मेरी कार के बिल्कुल सामने से गुजरा। उस समय रात के 9.45 बज रहे
होंगे।
उस
शख्स को देखकर लग रहा था कि वह दिनभर काम करने के बाद काफी थका हुआ है।
उसके हाथ में लंच बॉक्स था। उसे देखकर मेरे मन में ख्याल आया कि उसे रोककर
उसके स्थान तक पहुंचाने के लिए सहायता करनी चाहिए।’
उनके
इस ख्याल से उनकी बीवी डेरीलिन भी सहमत थीं। उन्होंने इसके बाद रॉबर्ट को
रोका और अपनी कार में बिठा लिया। उन्हें साथ जाने के दौरान हुई बातचीत में
जानकारी मिली कि उस दिन रॉबर्ट की बस छूट गई थी।
उसे
हर दिन काम पर जाने के लिए ढाई घंटे तक पब्लिक ट्रांसपोर्ट का सहारा लेना
पड़ता है और वापसी में भी इतना ही समय सफर में गुजारना होता है।
इस वाकये के अगले दिन इस जोड़े ने रॉबर्ट की साली कैथी के साथ एक योजना
बनाई और एक गोफंडमी अकाउंट बनाया जिससे रॉबर्ट के लिए एक कार खरीदने लायक
पैसे जमा हो सके।
पैसे से मैकेनिक व नोबोरी ऑटो के मालिक सीन मेरिल
को जल्द ही एक कार भी मिल गई और उन्होंने उस कार को खरीदने व इंश्योरेंस के
लिए आवश्यक धनराशि भी जुटा ली थी।
कार की चाबी मिलने के दौरान रॉबर्ट आश्चर्यचकित रह गए और इसे वीडियो फुटेज में भी देखा जा सकता है। रॉबर्ट ने इस मौके पर कहा, ‘यदि मुझे कार नहीं मिली होती तो अभी भी मैं बस में ही सफर कर रहा होता।’
सीन
मेरिल आगे कहते हैं, ‘मुझे लगता है कि यह महत्वपूर्ण है कि हम दूसरों की
मदद के बारे में सोचे क्योंकि हर कोई हमारी ही तरह एक इंसान है। वे भी एक
जैसी समस्याओं से जूझते हैं और हो सकता है कि उनके अनुभव अलग-अलग हों। हर
किसी को मदद की जरूरत पड़ सकती है।’