कचरा उठाने पर मजबूर स्कूली छात्राएं
जहां चारों ओर स्मार्ट क्लास और डिजिटलाईजेशन का दौर जारी है वहीं चेन्नई के एक सरकारी स्कूल की हालत
चेन्नई।जहां चारों ओर स्मार्ट क्लास और डिजिटलाईजेशन का दौर जारी है वहीं चेन्नई के एक सरकारी स्कूल की हालत इतनी बदतर है कि यहां स्कूल की साफ-सफाई तक के लिए कर्मचारी नहीं है। इसका सीधा खामियाजा स्कूल की छात्राओं को भुगतना पड़ रहा है उन्हें स्कूल की साफ-सफाई करनी पड़ है। एकतरफ जहां अभिभावक अपने बच्चों को बेहतर भविष्य के लिए स्कूल भेजने का सपना पाले हुए हैं वहीं दूसरी ओर इन्हें यहां अपनी पढ़ाई छोड़कर स्कूल की साफ-सफाई करनी पड़ रही है। पेरम्बूर के माधवरम हाई रोड स्थित चेन्नई गल्र्स हायर सेकेण्डरी स्कूल में छात्राओं को साफ सफाई के बाद कचरा भी उठा कर कूड़ेदान में फेंकना पड़ता है। एक छात्रा से पूछने पर उसने बताया कि स्कूल की सभी छात्राएं एक-एक दिन साफ-सफाई में अपना हाथ बंटाती हैं। स्कूल प्रबंधन को कई बार इसके लिए कहा गया लेकिन सफाई कर्मचारी की नियुक्ति अभी तक नहीं हो पाई है।
बारहवीं कक्षा की एक छात्रा ने बताया कि वह घर से तैया होकर पढ़ाई के लिए आती है लेकिन यहां साफ-सफाई लगा देते हैं और जो छात्राएं इसकी शिकायत करती हैं उसकी शिकायत बड़े अधिकारियों से की जाती है।
अव्यवस्थित स्कूल
बारहवीं की एक अन्य छात्रा ने बताया कि यहां कुछ भी व्यवस्थित नहीं है। बुनियादी सुविधाएं नाम भर के लिए हैं। सैकड़ों छात्राओं के लिए शौचालय की संख्या कम है। इसके साथ ही साफ-सफाई का काम नियमित रूप से नहीं होने पर शौचालय का भी उपयोग नहीं की जा सकता है। शौचायल में लगे नल भी खराब हैं जहां से पानी हमेशा गिरता रहता है जिससे फिसलने का डर रहता है।