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चेन्नई

विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया जाए

कावेरी जल विवाद पर द्रविड़ मुनेत्र कषगम (डीएमके) द्वारा बुलाई गई सर्वदलीय बैठक का एआईएडीएमके,

चेन्नईOct 26, 2016 / 12:43 am

मुकेश शर्मा

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चेन्नई।कावेरी जल विवाद पर द्रविड़ मुनेत्र कषगम (डीएमके) द्वारा बुलाई गई सर्वदलीय बैठक का एआईएडीएमके, भाजपा और जन कल्याण मोर्चा (पीडब्ल्यूएफ) ने बहिष्कार किया जबकि डीएमके गठबंधन के सदस्य दलों व किसान संगठन के प्रतिनिधि इसमें शामिल हुए। बैठक में सर्वसम्मति से पारित प्रस्ताव किया गया जिसमें तमिलनाडु सरकार से अनुरोध किया गया कि कावेरी विवाद पर चर्चा के लिए विधानसभा का विशेष सत्र आहूत किया जाए। बैठक में टीएमसी प्रमुख जी. के. वासन भी उपस्थित थे जबकि वीसीके प्रमुख तोल तिरुमावलवन ने अपने गठबंधन के निर्णय को सम्मान देते हुए बैठक से दूरी बनाए रखी।

डीएमके मुख्यालय अण्णा अरिवालयम में मंगलवार को हुई बैठक की अध्यक्षता नेता प्रतिपक्ष एम. के. स्टालिन ने की। इस मौके पर डीएमके के वरिष्ठ नेतागण शामिल हुए। गठबंधन दलों से कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष एस. तिरुणावकरसु, आईयूएमएल के प्रदेश प्रमुख कादर मोईद्दीन, डीके नेता के. वीरमणि और किसान संघों के नेताओं ने भी विचार व्यक्त किए। बैठक एक घंटे से भी अधिक समय तक चली जिसमें ग्यारह दलों व संघों के प्रतिनिधि शामिल हुए।

तीन प्रस्ताव पारित

बैठक में तीन प्रस्ताव पारित किए गए। बैठक ने सरकार से मांग की कि वह कावेरी जल विवाद पर चर्चा के लिए विधानसभा का विशेष सत्र बुलाए और प्रस्ताव पारित करे। साथ ही कहा गया कि तमिलनाडु केंद्र सरकार पर कावेरी प्रबंधन बोर्ड के गठन को लेकर दबाव बनाए। किसानों को हुई फसल की क्षति की एवज में प्रति एकड़ 30 हजार रुपए की क्षतिपूर्ति की जाए। स्टालिन ने इस मौके पर कहा कि डीएमके ने बैठक इसलिए बुलाई कि कोई भी अन्य पार्टी इस विषय पर चर्चा को तैयार नहीं थी। पिछले पांच सालों में राज्य में कुरुवई की फसल पैदा नहीं हुई है और इस वर्ष तो कर्नाटक के अडिय़ल रवैये की वजह से संभा की फसल भी संदेह के घेरे में है।


बैठक राजनीतिक लाभ के मकसद से नहीं : स्टालिन ने एक सवाल के जवाब में स्पष्ट कर दिया कि इस बैठक के आयोजन के पीछे राजनीतिक लाभ लेना हमारा मकसद नहीं था। हमने आगे आकर यह बैठक इसलिए बुलाई ताकि पूरे विश्व को यह बता सकें कि कावेरी मसले पर हम सभी एकजुट हैं। एमडीएमके चीफ वाइको के उनके गठबंधन की अन्य पार्टियों को बैठक से महरूम करने पर स्टालिन का कहना था कि वे डीएमके से सांसद रहे हैं इसलिए पार्टी के बारे में भली-भांति जानते हैं।
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