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चुरू

गरीबों के आवास पर नहीं पड़ी छत

कांग्रेस सरकार में शुरू की गई
मुख्यमंत्री शहरी बीपीएल आवास योजना पर रोक के चलते गरीबों के आशियाने अधूरे हैं।
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चुरूMar 19, 2015 / 10:02 pm

शंकर शर्मा

चूरू। कांग्रेस सरकार में शुरू की गई मुख्यमंत्री शहरी बीपीएल आवास योजना पर रोक के चलते गरीबों के आशियाने अधूरे हैं। किसी के मकान पर छत नहीं पड़ी तो किसी की फर्श अधूरी है।

योजना के तहत आवास के लिए कुल 70 हजार रूपए तीन किश्तों में दिए जाने थे। योजना की शुरूआत में 50 हजार रूपए स्वीकृत किए गए, बाद में राशि बढ़ाकर 70 हजार रूपए कर दी।

शौचालय के लिए पांच हजार रूपए अतिरिक्त दिए जाने थे।आवासों को स्वीकृत हुए डेढ़ साल से अधिक समय हो गया लेकिन आज भी आवास आधे-अधूरे पड़े हैं। चयनित लाभार्थी नगर निकायों में चक्कर काटकर थक गए। अब तो राशि की उम्मीद भी छोड़ चुके हैं। दूसरी व तीसरी किश्तों के लिए सैकड़ों लोगों ने आवेदन किया था लेकिन उनके आवेदन रद्दी की टोकरी में डाल दिए गए। राज्य सरकार ने इस मद में विभाग के पास शेष 66.31 करोड़ रूपए वापस भी ले लिए।

जिले में 12 सौ से अधिक आवास हुए थे स्वीकृत
वर्ष 2013 में लगभग 1235 मकान स्वीकृत हुए थे। लेकिन कहीं पर भी स्वीकृत कुल आवासों की राशि आवंटित नहीं की गई। आधे-अधूरे चयनितों को पहली व दूसरी किश्त दी गई। कहीं पर भी स्वीकृत पूरे आवदेनों के लाभार्थियों को लाभ नहीं मिला। तीसरी किश्त तो सरदारशहर को छोड़कर किसी भी नगर निकाय में नहीं दी गई। यहां 97 लोगों को तीसरी किश्त दी गई है।

कांग्रेस सरकार में शुरू की गई मुख्यमंत्री शहरी बीपीएल आवास योजना पर सरकार ने रोक लगा दी है।इसलिए चयनियों को शेष किश्त नहीं दी जा सकती है। पुरूषोत्तम भियाणी,निदेशक, स्थानीय निकाय विभाग
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