script“मेक इन इंडिया” की राह में खड़ा ड्रैगन | China is the biggest hurdle to achieve everything "Make in India" | Patrika News
नई दिल्ली

“मेक इन इंडिया” की राह में खड़ा ड्रैगन

भारत और चीन के व्यापारिक रिश्तों में ड्रैगन के बढ़ते प्रभाव से भारत का व्यापारिक घाटा बढ़ता जा
रहा है

नई दिल्लीMay 14, 2015 / 09:54 am

सुनील शर्मा

India china relationsip

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नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का सपना है मेक इन इंडिया। लेकिन फिलहाल तो सब चाइना है। दोनों देशों के व्यापारिक रिश्तों में ड्रैगन के बढ़ते प्रभाव से भारत का व्यापारिक घाटा बढ़ता जा रहा है। भारत और चीन के बीच आयात-निर्यात में बहुत बड़ी खाई बन गई है, जिसे भरना बेहद जरूरी है।

कच्चे माल का निर्यातक भारत


चीन भारत से कच्चे माल का आयात करता है। कपास, सूती धागा, लौह अयस्क, पेट्रोलियम उत्पाद व कच्चे प्लास्टिक को भारत बड़े पैमाने पर चीन को निर्यात करता है और इसी कच्चे माल से चीन में तैयार वस्तुओं को भारत खरीदता है।

चीन ने बंद कर रखे हैं दरवाजे

भारत में तो चीन ने अपने पांव पसार लिए हैं। लेकिन अपने दरवाजे भारत के लिए पूरी तरह से नहीं खोले हैं। 2012 में चीन ने भारतीय सरसों में मिलावट होने का हवाला देकर उसके आयात पर प्रतिबंध लगा दिया था। यही नहीं भारत में पशुओं में फैली “फुट एंड माउथ” बीमारी के नाम पर चीन ने मांस के आयात को भी बैन कर दिया।
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