समीर चौगांवकर नई दिल्ली.उरी में हुए आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान से बढ़ते तनाव और युद्ध की आशंका की संभावना के चलते केन्द्र सरकार अपनी सेना को मजबूत और तैयार करने के लिए कई कदम उठाने की तैयारी में है। उरी हमलों के बाद वॉर रूम पहुंच कर प्रधानमंत्री नरेंन्द्र मोदी ने सेना के तीनों प्रमुखों और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार के साथ बैठक कर सेना की तैयारीयों का जायजा लिया था।
सूत्र बताते हैं कि सेना के मजबूती के लिए राफेल डील कर चुकी केन्द्र सरकार सेना का बजट बढ़ाने पर भी गंभीरता से विचार कर रही है। गौरतलब है कि कुल 2.46 लाख करोड़ के रक्षा बजट में से आधे से ज्यादा थल सेना के पास जाता है। सेना अपने हिस्से आनेवाली राशी का लगभग 70 फीसदी वेतन, भत्तों और रखरखाव में खर्च करती है। इसके बाद नई खरीदी के लिए सेना के पास सिर्फ 20 फीसदी रकम रह जाती है।
सशस्त्र सेना के बजट में वृद्धि पर विचार
केन्द्र सरकार इस बार सशस्त्र सेनाओं के बजट में वृध्दि के साथ लंबित पड़े सेना में महत्वपूर्ण पदों पर नियुक्तियां करने का मन बना रही है। जिन नियुक्तियों पर सरकार आगे बढेगी उनमें स्थायी चेयरमैन, चीफ ऑफ स्टाफ और सरकार का एक सैन्य सलाहकार शामिल है।
‘स्पेशल ऑपरेशन कमान’
तीनों सेनाओं के एकीकृत स्पेशल फ ोर्सेस
का संयुक्तकमान। 2002 में प्रस्तावित।
अभी लागू किया जाना बाकी।
‘स्पेस कमान’
तीनों सेनाओं के एकीकृत स्पेस निगरानी। जिसका प्रमुख भारतीय वायूसेना का अधिकारी होगा।
‘साइबर कमान’
तीनों सेनाओं की एकीकृत आक्रामक और बचाव क्षमता। अगुवाई भारतीय नौसेना करेगी। 2013 में प्रस्तावित।