अब मिलेगा प्रोत्साहन
दुर्गम इलाकों में अपर्याप्त सुविधाओं के बावजूद भी काम करने वाले चिकित्साकर्मियो को चिकित्सा विभाग
धौलपुर। दुर्गम इलाकों में अपर्याप्त सुविधाओं के बावजूद भी काम करने वाले चिकित्साकर्मियो को चिकित्सा विभाग अब प्रोत्साहन राशि देगा। इसके लिए राजस्थान राज्य स्वास्थ्य समिति की ओर से दिशा-निर्देश जारी कर दिए गए है। आजादी के बाद भी राज्य में अभी भी ऎसे बहुत से इलाके है, जहां आवागमन के साधनों व मूलभूत सुविधाओं का खासा अभाव है। संसाधनों के अभाव के बावजूद भी चिकित्साकर्मी ऎसे स्थानों पर काम कर आमजनता को मूलभूत चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध करा रहे है।
ऎसे में उन्हें मूल वेतन के अलावा अलग से प्रोत्साहन राशि दिए जाने का निर्णय विभाग की ओर से किया गया है। इसमें राज्य के दस उच्च प्राथमिकता वाले बाड़मेर, जैसलमेर, जालौर, डूंगरपुर, राजसमंद, उदयपुर, बांसवाडा, करौली, धौलपुर व बंूदी जिले तथा तीन जनजातिय जिले बारां, सिरोही व प्रतापगढ़ को शामिल किया गया है। इन जिलों में चिकित्सा संस्थानों को उनकी कठिनाइयों व मापदण्डों के हिसाब से चार श्रेणी वी0, वी1, वी2, वी3 में बांटा गया है। दुर्गम क्षेत्र प्रोत्साहन राशि इन जिलों के उन्हीं स्वास्थ्य संस्थानों को मिलेगी जो स्वास्थ्य संस्थान वी1, वी2 व वी3 श्रेणी में आएंगें।
धौलपुर में यहां मिलेगा लाभ
सीएचसी : कंचनपुर, सरमथुरा, बसेड़ी, बसईनवाब, सैंपऊ व राजाखेड़ा
पीएचसी: नगला बिधौरा, सेवर, चिलाचौंद, आंगई, बरौली, झिरी, बडागांव, जरौली, खानपुर, विरोंधा, विपरपुर, बदरिका, चितौरा, तसीमो, नुनहेरा, दोनारी, पचगांव, सरानीखेडा, मोरोली, जाटोली, गोपालपुरा, बरेह, मरैना, जसूपुरा व अब्दुलपुर। इनके अलावा जिले के कई उपस्वास्थ्य केन्द्रों को भी दुर्गम क्षेत्रों की श्रेणियों में शामिल किया गया है। जहां पर कार्यरत चिकित्सा कर्मियों को योेजना का लाभ मिल सकेगा।
इनको होगा फायदा
भारत सरकार के निर्देशानुसार दुर्गम क्षेत्र प्रोत्साहन राशि न्यूनतम मापदंडों को पूरा करने पर कुछ चुनिंदा चिकित्साकर्मियों को ही देय होगी। इसमें सीएचसी पर कार्यरत विशेषज्ञ चिकित्सक, पीएचसी पर कार्यरत चिकित्सा अधिकारी, एलएचवी, स्टॉफ नर्स, जीएनएम, एलटी व फार्मासिस्ट व उपस्वास्थ्य केन्द्र पर कार्यरत एएनएम व जीएनएम को ही देय होगी। इसके लिए भी कार्य के कुछ मापदण्ड निर्घारित किए गए है, जिनको पूरा करने के बाद ही संबंधित कर्मचारी प्रोत्साहन राशि के लिए अपना हक जता सकेगा। प्रोत्साहन राशि 15 सौ रूपए प्रतिमाह से लेकर 30 हजार रूपए प्रतिमाह तक अलग-अलग पद के हिसाब से तय की गई है। इसके लिए सभी संबंधित कार्मिकों को ब्लॉक कार्यालय पर अपने काम की रिपोर्ट देनी होगी। जहां ब्ाीसीएमओ कार्मिक की रिपोर्ट पर अपनी टिप्पणी देकर सीएमएचओं के यहां भेजेगा। इसके बाद उचित पाए जाने पर प्रोत्साहन राशि का भुगतान किया जाएगा।
जिले अभी भी बहुत से ऎसे स्थान है, जहां चिकित्साकर्मियों को दुर्गम रास्तों से पैदल चलकर जाना पड़ता है। सुविधाओं के अभाव में काम कर रहे कर्मचारियों का हौंसला बढ़ाने के लिए यह योजना कारगर साबित होगी। डॉ. राजेश मित्तल, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी
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