आलू के दाम ने निकाला दम
हनुमानगढ़Published: Mar 27, 2015 11:30:00 pm
बाजार में आलू की नई फसल आनी शुरू
हो गई है। लेकिन किसानों के चहरों पर खुशी की जगह खामोशी
हनुमानगढ़। बाजार में आलू की नई फसल आनी शुरू हो गई है। लेकिन किसानों के चहरों पर खुशी की जगह खामोशी व लाचारी छाई हुई है। किसानों ने गत वर्ष के दामों को मद्देनजर भरपूर मुनाफा कमाने के लिए खेतों में आलू ज्यादा से ज्यादा लगा लिया। वहीं इस बार हुई बिन मौसम बरसात व बाजार के दामों ने किसानों के सपने चूर-चूर कर दिए। आशाओं से विपरीत इस मंहगाई में किसानों के लिए आलू की खेती घाटे का सौदा साबित हुई है।
पहले दस,अब चार रूपए प्रति किलो
गत वर्ष की बात करें तो किसानों ने आलू की फसल कम लगाई थी। उस वक्त मंडी में किसानों को आलू की कीमत 10 रूपए प्रति किलो बोली में मिली। वहीं आम लोगों के लिए आलू 20 से 25 रूपए किलो से नीचे नहीं उतरा। इन दामों को देखते हुए किसानों ने इस बार आलू की फसल ज्यादा से ज्यादा लगा डाली। लेकिन मंडी में आलू के दाम नीचे गिरने से किसान को प्रति किलो पर 10 की जगह 4 रूपये ही मिल रहे हैं।
40 फीसदी खराब हो गई फसल
एक तरफ किसानों को दाम नहीं मिलना तो दूसरी तरह कुदरत की मार से किसानों पर दुखों का पहाड़ टूट गया है। मार्च में आई सावन की बारिश ने किसानों की फसलें तबाह कर दी। वहीं इसका असर आलू की खेती पर भी पड़ा है। किसान बब्बू के मुताबिक आलू की फसलें बारिश के कारण 60 फीसदी ही हो पाई हंै। एक ओर पहले की तुलना में आलू के दाम में 60 फीसदी कटौती होना और पैदावर भी केवल 60 फीसदी होने से किसान हताश हंै।
नहीं बढ़ रहे दाम
इस बार आलू की पैदावार 60 फीसदी ही हुई है। दाम भी चार रूपए से ऊपर नहीं जा रहा। कम आवक के बावजूद आलू के दाम नहीं बढ़ रहे हैं। रत्तीराम शाक्य अध्यक्ष,सब्जी मंडी आढ़त यूनियन, हनुमानगढ़ जंक्शन