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वरना खाक हो जाता राजवाड़ा…गोपाल मंदिर परिसर में लगी आग

locationइंदौरPublished: Oct 26, 2016 01:00:00 pm

Submitted by:

Narendra Hazare

इमामबाड़ा इलाके के व्यापारियों की सजगता से एक भीषण हादसा टल गया वरना प्राचीन गोपाल मंदिर भी राजबाड़ा की तरह आग की भेंट चढ़ जाता।

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इंदौर। इमामबाड़ा इलाके के व्यापारियों की सजगता से एक भीषण हादसा टल गया वरना प्राचीन गोपाल मंदिर भी राजबाड़ा की तरह आग की भेंट चढ़ जाता। दिवाली की तैयारी में जुटे आसपास के व्यापारी देर रात तक दुकानों की सफाई कर रहे थे तभी गोपाल मंदिर से धुंआ उठता देख संबंधितों को आगाह किया। राजबाड़ा के समीप स्थित प्राचीन गोपाल मंदिर परिसर में मंगलवार की रात करीब 11 बजे अज्ञात कारण से आग लग गई।

मंदिर के दाहिनी तरफ के खंडहरनुमा हिस्से में लगी आग से बड़ी मात्रा में धुंआ निकलने लगा। संयोगवश आसपास के कुछ दुकानदार दिवाली की सफाई करने के कारण रात तक काम कर रहे थे। उनमें से किसी दुकानदार ने तत्काल पुलिस व फायर ब्रिगेड को सूचना दी थी। दिवाली को देखते हुए पहले से ही सतर्क फायरकर्मी कुछ ही पलों में साधनों से लैस होकर आ पहुंचे। आग मंदिर की पूर्वी चारदीवारी के खंडहर में लगी थी।


बैरिकेड्स बने व्यवधान

खबर मिलने के कुछ ही देर बाद फायर ब्रिगेड की दमकल व नगर निगम के टैंकर घटनास्थल पर पहुंचे मगर राजबाड़ा से सराफा की तरफ जाने वाले रास्ते पर पुलिस विभाग के लोहे के लगे 8-10 बेरिकेड्स व कुछ दो पहिया वाहन बीच सड़क पर बेतरतीब ढंग से पड़े थे। करीब दस मिनट तक गाडिय़ां वहां अटकी रहीं। करीब सौ साल पुराने गोपाल मंदिर की इमारत में बड़ी मात्रा में लकड़ी का इस्तेमाल किया गया है।

घटनास्थल पर जिस स्थान पर आग लगी थी उस जगह के भवन का अधिकांश हिस्सा काफी पहले ही जमींदोज हो गया है। काफी मशक्कत के बाद मलबे के ढेर में दबे लकड़ी के कबाड़ में सुलग रही आग को बुझाया जा सका। कार्रवाई के दौरान टीआई पंढरीनाथ संजू काम्बले की अगुवाई में बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात रहा। समय पर कार्रवाई होने से बड़ा हादसा टला वरन ये ऐतिहासिक धरोहर भी आग की भेंट चढ़ जाती।


गौरतलब है कि 1984 के दंगों के समय मंदिर के पास शहर की शान राजबाड़ा भवन में भी इसी तरह सुलगी चिंगारी के कारण मुख्य इमारत का अधिकांश भाग जल जाने से नष्ट हो गया था। कल रात अगर त्वरित कार्रवाई न हुई होती तो करीब 30 साल बाद उस घटना की पुनरावृत्ति गोपाल मंदिर में हो जाती।
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