एनडीए के जरिए होने वाली इस कठिन परीक्षा में प्रत्येक 15 लाख लोगों में से महज 132 प्रतिभागियों को ही अवसर मिलता है। यह अवसर 22 साल के कुणाल को मिला है।
इंदौर. माता-पिता के सपने पूरे की करने की तमन्ना आंखों में संजोए 22 वर्षीय कुणाल ने 4 साल की अथक मेहनत के बाद अखिरकार वह मुकाम पा ही लिया जो उसके जीवन का लक्ष्य था।
आजाद नगर में रहने वाले कुणाल गुप्ता का चयन भारतीय नौसेना में बतौर लेफ्टिनेंट हुआ है। एनडीए के जरिए होने वाली इस कठिन परीक्षा में प्रत्येक 15 लाख लोगों में से महज 132 प्रतिभागियों को ही अवसर मिलता है। चयन के बाद मां भारती गुप्ता की आंखों में खुशी के आंसू हैं तो कुणाल भी चयन के बाद देश सेवा का जज्बा संजोए हैं।
एनडीए ही क्यों, के सवाल पर कुणाल ने कहा जिस देश ने हमारी पीढि़यों को संजोए रखा उसकी सेवा करने के लिए नौसेना से बेहतर कुछ नहीं था। कुणाल के पिता धर्मेंद्र गुप्ता दवा व्यापारी हैं। वे कहते हैं कि एक पिता के लिए इससे ज्यादा खुशी और क्या होगी कि बेटा सेना के माध्यम से देशसेवा करेगा। यह परिवार के लिए गर्व की बात है।
यह भी पढ़ें-इंदौर के पूर्व एसपी धस्माना पर एमपी पुलिस को है PROUD, होंगे रॉ प्रमुख!कठिन परिश्रम व गहन अध्ययन ही सफलता का राजपत्रिका से विशेष चर्चा में कुणाल ने कहा कि बचपन से उनकी रुचि स्पोट्र्स में रही और कई खेलों में उन्होंने राष्ट्रीय स्पर्धाओं में भी भाग लिया। खेलों के दौरान ही उन्होंने सेना में जाने का मन बना लिया था। दूसरी ओर पढ़ाई से विशेष लगाव दादा रामप्रसाद गुप्ता की वजह से रहा। वे इंदौर के ही सेंट्रल स्कूल में अध्यापक रहे।