जयपुर। प्रदेश के
मेडिकल कॉलेजों में डॉक्टरों की कमी है और सात मेडिकल कॉलेज नए खुलने वाले हैं। ऎसे
में चिकित्सकों की जरूरत पूरी करने के लिए राज्य सरकार चिकित्सक शिक्षकों की
सेवानिवृत्ति आयु 60 से बढ़ाकर 62 करने की तैयारी कर रही है।
हालांकि जूनियर
डॉक्टरों के विरोध की आशंका को देखते हुए इस पर अंतिम निर्णय टल गया है। इधर,
प्रदेश के सात सरकारी मेडिकल कॉलेजों से हर साल पांच दर्जन से अधिक चिकित्सक शिक्षक
सेवानिवृत्त हो रहे हैं। इस आधार पर सरकार अभी यह निर्णय करती है तो आने वाले पांच
साल में 300 से भी अधिक डॉक्टरों की कमी पूरी हो जाएगी।
एक विकल्प पहले से
प्रदेश के मेडिकल कॉलेज अस्पतालों में डॉक्टरों की कमी पूरी करने के लिए पे
माइनस पेंशन के आधार पर पहले से ही सेवानिवृत्ति के बाद चिकित्सक शिक्षकों को
नियुक्त किया जा रहा है लेकिन अधिकांश बड़े डॉक्टर इस फार्मूले के आधार पर काम नहीं
करना चाहते। इससे नियुक्ति पाने से पहले उन्हें सेवानिवृत्त होना पड़ता है और
वरिष्ठता भी समाप्त हो जाती है।
नियुक्ति पाने के बाद वे यूनिट हैड, विभागाध्यक्ष,
अधीक्षक या अन्य किसी पद पर भी नहीं रहते। जूनियर डॉक्टर पहले से ही सेवानिवृत्ति
आयु बढ़ाने का विरोध कर रहे हैं। इनका कहना है कि सरकार को पहले चिकित्सक शिक्षकों
की भर्ती पूरी करने के लिए स्थाई नीति जारी करनी चाहिए।
प्रस्ताव
विचाराधीन
चिकित्सक शिक्षकों की सेवानिवृत्ति आयु बढ़ाने का प्रस्ताव विचाराधीन
है लेकिन अभी इसमें कुछ तय नहीं हुआ है।
जे.सी.महांति, प्रमुख शासन सचिव,
चिकित्सा शिक्षा