scriptट्रैपिंग के खौफ के कारण रिश्वत मांगने के मामलों में कमी | Due to the decrease in fear of trapping seeking bribes | Patrika News

ट्रैपिंग के खौफ के कारण रिश्वत मांगने के मामलों में कमी

locationजयपुरPublished: Feb 07, 2016 12:14:00 am

खान विभाग में महाघूसकांड के खुलासे के बाद रिश्वत लेने वालों की
संख्या में कमी आई है। इसके बाद से जयपुर में 20 से अधिक रिश्वत मांगने
वाले लोगों

Jaipur news

Jaipur news


मुकेश शर्मा
जयपुर. खान विभाग में महाघूसकांड के खुलासे के बाद रिश्वत लेने वालों की संख्या में कमी आई है। इसके बाद से जयपुर में 20 से अधिक रिश्वत मांगने वाले लोगों ने पीडि़त को बिना राशि लिए लौटा दिया। आधा दर्जन विभागों के अधिकारी और कर्मचारी एसीबी के चंगुल में आने से बच गए। अब एसीबी एेसे अधिकारी-कर्मचारियों पर निगाह रखे है। एसीबी के पास वर्तमान में रिश्वत मांगने के जो मामले आ रहे हैं, उनमें भी सतर्कता बरतते हुए कार्रवाई कर रही है।

एसीबी सूत्रों के मुताबिक, रिश्वतखोरों में एसीबी का खौफ इस कदर है कि वे रिश्वत के संबंध में फोन पर बातचीत से भी कतरा रहे हैं। रिश्वत देने वाला एेसे अधिकारी और कर्मचारियों के यहां चक्कर लगा रहा है, लेकिन वे उससे रुपए भी नहीं ले रहे हैं। हाल ही शाहपुरा में पुलिस चौकी प्रभारी को पीडि़त चौथी बार रुपए देने पहुंचा, तब उसने राशि हाथ में पकड़ी, तभी एसीबी ने उसे दबोच लिया। हालांकि एसीबी अधिकारी मीडिया से दूरी बनाए हुए हैं।

अब 2-3 शिकायतें ही
एसीबी में खान विभाग के महाघूसकांड के दौरान रोज करीब आठ से दस रिश्वत मांगने के मामले पहुंच रहे थे, लेकिन पकड़े जाने के खौफ से रिश्वत मांगने वालों की संख्या में गिरावट आई है। वर्तमान में रिश्वत मांगने की दो-तीन शिकायत एसीबी को मिल रही हैं।

यहां तक कि 21 जनवरी को सीकर में वाणिज्य कर विभाग के सहायक आयुक्त जेपी मीणा के रिश्वत मांगने के मामले में पकड़े जाने के बाद उनके विभाग की भी शिकायत नहीं मिल रही है।

सितम्बर के बाद पकड़े गए 50 रिश्वतखोर
एसीबी ने प्रदेशभर में खान विभाग में महाघूसकांड के खुलासे के साथ सौ दिन में सौ रिश्वतखोरों को पकड़ा था। इसके बाद सितम्बर 2015 से अब तक प्रदेशभर में 50 रिश्वतखोरों को पकड़ चुकी है।

सात माह में जाकर पकड़े
सीकर में 21 जनवरी को पकड़े गए वाणिज्य कर विभाग के सहायक आयुक्त जेपी मीणा और वाणिज्य कर अधिकारी रघुवीर सिंह गोस्वामी के लिए एसीबी ने सात माह से जाल बिछाया था। अब कहीं एसीबी उन्हें पकड़ सकी।


इन विभागों पर नजर
सूत्र बताते हैं कि फिलहाल बिना शिकायत के भी एसीबी की नजर जनता से सीधे जुड़े विभागों पर हैं। एसीबी इन विभागों में जनता के आसानी से होने वाले कामों को लंबे समय तक लंबित रखने और दलालों के जरिए रिश्वत लेकर उन्हें आगे बढ़ाने वालों पर नजर रख रही है। सबूत मिलते ही एसीबी कुछ बड़े विभागों में कार्रवाई कर इसका खुलास कर सकती है। एसीबी सूत्रों के मुताबिक, आईएएस अशोक सिंघवी के पकड़े जाने के बाद खान विभाग में घूस मांगने की शिकायत नहीं मिली है।



loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो