जयपुर। गौवंश की दुर्दशा को लेकर
विवादों में रही हिंगोनिया गौशाला प्रशासन पर गुरूवार को नगर निगम की पशु नियंत्रण
व संरक्षण समिति के चेयरमैन ने गायों की तस्करी का गंभीर आरोप लगाते हुए कानोता
पुलिस थाने में शिकायत दी है।
समिति चेयरमैन ने गुरूवार को गौशाला का दौरा कर
व्यवस्थाओं का जायजा लिया तो बाड़ों में गायों की संख्या कम मिली। इस पर उन्होंने
गौशाला आयुक्त पर गौ तस्करी व गौशाला की गायों को बेचे जाने का गंभीर आरोप लगाया।
इधर, थाना पुलिस ने समिति चेयरमैन का परिवाद लेकर मामले की जांच शुरू कर दी
है।
नगर निगम की हिंगोनिया स्थित गौशाला में शुक्रवार को 2000 पेड़ लगाए जाएंगे।
इसकी तैयारी के लिए निगम की गौशाला समिति के अध्यक्ष भगवत सिंह देवल पिछले दो दिनों
से गौशाला में काम कराने में लगे हुए थे। इस दौरान वह रामसिंहपुरा रोड की तरफ मृत
गायों को दफनाने की जगह देखने चले गए तो सामने आया कि 3-4 गड््ढों में गायें
आधी-अधूरी दफन थी और कुत्ते उन्हें नोच रहे थे। यहां लगा गेट खुला था और कोई गार्ड
भी नहीं था। इस पर उन्हें गायों की तस्करी का शक हुआ और उन्होंने कर्मचारियों से
गायों की स्थिति के बारे में पूछा। कर्मचारी उन्हें कोई जवाब नहीं दे पाए तो
उन्होंने बाड़ा नम्बर एक की गायों की गिनती कराई। बाडे में कुल 722 गाय और बछड़े
पाए गए।
6 जुलाई के बाद का रिकॉर्ड नहीं मिला : गौशाला के रिकार्ड में 6 जुलाई
तक कुल 961 गाएं ही दर्ज मिली। रिकार्ड में 24 जुलाई से 28 अगस्त तक 11 गायों की
मौत दर्ज थी। उन्हें 228 गाय कम मिली। उन्होंने फोन से गौशाला उपायुक्त अशोक स्वामी
से जानकारी मांगी, लेकिन स्वामी ने किसी भी सवाल का सही जवाब नहीं दिया। इस पर देवल
गौशाला का रिकॉर्ड जब्त कर निगम मुख्यालय ले आए और महापौर निर्मल नाहटा को
अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की सिफारिश कर दी।
गलत आंकड़े पेश
किए
देवल ने बताया कि निगम के अधिकारी लालकोठी से से ही गौशाला का संचालन कर रहे
हैं। उच्च न्यायालय में भी अधिकारियों ने गलत आंकड़े पेश कर बाड़ा नम्बर एक में 840
गाय-बछड़े बता रखे हैं।
फोन रिसीव नहीं किया
इधर, इस मामले में पक्ष जानने
के लिए गौशाला आयुक्त अशोक स्वामी को कई बार फोन किया, लेकिन उन्होंने फोन रिसीव
नहीं किया।
मैं दो दिन से अवकाश पर हूं। गायों के कम होने का सवाल ही नहीं है।
सभी गायों पर टैग लगे हुए हैं। आरोप बेबुनियाद है।
मोइनुद्दीन, प्रबंधक,
हिंगोनिया गौशाला