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सरकार के हिस्से का 22 करोड़ डकार गया जेएनवीयू

locationजोधपुरPublished: Mar 26, 2015 10:02:00 pm

जयनारायण व्यास
विश्वविद्यालय ने गत सात साल के दौरान पीटीईटी आयोजन के पेटे सरकार के हिस्से की 22

जोधपुर।जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय ने गत सात साल के दौरान पीटीईटी आयोजन के पेटे सरकार के हिस्से की 22 करोड रूपए से ज्यादा की राशि डकार ली है। गत सात साल से प्री-टीचर्स एजुकेशन टेस्ट “पीटीईटी” का आयोजन जेएनवीयू करवा रहा है।

विधानसभा में शेरगढ़ विधायक बाबूसिंह और लूणी विधायक जोगाराम पटेल की ओर से उठाए गए सवालों के जवाब के बाद यह बात सामने आई। पिछले दिनों विधानसभा में मामला उठने के बाद शिक्षामंत्री कालीचरण सराफ ने तीन सदस्य कमेटी बनाने का एलान किया और जांच एक माह में करने के आदेश दिए।

यह भी है आरोप


सूत्रों के अनुसार पीटीईटी में काम करने वाले कर्मचारियों को नियमों के विरूद्ध लाखों रूपए के मानदेय दिए गए। विवि को प्रवेश आवेदन पत्र शुल्क के अलावा करोड़ों की आमदनी हुई, उसको आय के मद में नहीं दर्शाया गया। विधायकों ने विवि पर 2013-14 की आमदनी छिपाने का आरोप लगाए। इन वष्ाोü में पीटीईटी के आयोजन में जो खर्चे हुए है, वे दुगुना करके लिखने के आरोप है।


25 करोड़ में से जमा कराए महज 3 करोड़

पीटीईटी का घोटाला कितना बड़ा है, इसका अंदाजा विवि द्वारा पेश पीटीईटी के आय-व्यय विवरण से लगाया जा सकता है। सात सालों में विवि को इस मद में करीब 1 अरब 9 करोड़ 70 लाख 26 हजार 837 रूपए की कुल आय हुई। इन सालों के विवि के विवरण के अनुसार लगभग पचास प्रतिशत राशि आयोजन पर व्यय होती है। इसे आधार माने तो पेश कुल आय के आंकड़ों के हिसाब से विवि को 51 करोड़ से ज्यादा की शुद्ध आय हुई। नियमानुसार कुल आय में खर्चो को निकाल कर शुद्ध आय का 50 फीसदी विवि को राज्य सरकार को देना होता है। इस लिहाज से सरकार को हिस्से के रूप में 25 करोड़ से ज्यादा की राशि देनी थी, लेकिन विवि महज 3 करोड़ जमा करवाकर 22 करोड़ रूपए डकार गया। 2008 में दो करोड़ व 2009 में 1 करोड़ राजकोष में जमा करवाए गए। यह राशि बढ़ सकती है क्योकि दो वर्षो का ऑडिट चल रहा है। विवि ने जवाब दिया कि 2008 से लेकर 2012 तक 5 साल का ऑडिट करवा गया है। वर्ष 2013 और 2014 का ऑडिट चल रहा है।

कब-कितनी हुई कुल आय

वर्ष प्राप्त राजस्व
2008 19 करोड़ 48 लाख 29 हजार 767
2009 15 करोड़ 02 लाख 78 हजार 338
2010 11 करोड़ 53 लाख 13 हजार 145
2011 13 करोड़ 39 लाख 56 हजार 021
2012 16 करोड़ 11 लाख 51 हजार 465
2013 15 करोड़ 01 हजार 92 हजार 355 (अनुमानित)
2014 19 करोड़ 13 हजार 05 हजार 746 (अनुमानित)
कुल राजस्व 1 अरब 09 करोड़ 70 लाख 26 हजार 837
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