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करौली

गुपचुप उद्घाटन पर किया हंगामा

 बेड़ाबनकी गांव में कृभको
के इनलैण्ड कंटेनर डिपो (आईसीडी) का शनिवार को रिमोट के जरिए गुपचुप उद्घाटन 

करौलीMar 29, 2015 / 12:07 am

शंकर शर्मा

हिण्डौनसिटी। बेड़ाबनकी गांव में कृभको के इनलैण्ड कंटेनर डिपो (आईसीडी) का शनिवार को रिमोट के जरिए गुपचुप उद्घाटन कर देने पर ग्रामीण भड़क गए। आईसीडी के लिए जमीन देने वाले किसानों को जब इसकी भनक लगी तो वे सड़क पर उतर आए।

उन्होंने आईसीडी मैनेजर का घेराव कर गुपचुप उद्घाटन करने को लेकर खरीखोटी सुनाई। समारोह में रेलवे के चंद अधिकारी ही मौजूद रहे, जबकि ग्रामीण और स्थानीय प्रशासन तक को कार्यक्रम की खबर तक नहीं की गई। मीडिया को भी इससे दूर रखा गया। हालांकि खुद प्रोजेक्ट मैनेजर भी उद्घाटन नहीं होने की बात कहकर लोगों को टरकाते रहे।

आईसीडी परिसर के अंदर कार्यक्रम चलता देख ग्रामीण दोपहर करीब एक बजे मुख्य द्वार पर एकत्र हो गए। समापन के बाद उन्होंने रेलवे के अधिकारियों को तो जाने दिया, लेकिन प्रोजेक्ट मैनेजर मामराज सिंह की कार को घेर कर उन्हे नीचे उतार लिया। ग्रामीणों ने बकाया मुआवजा देने की मांग करते हुए गुपचुप उद्घाटन करने का विरोध जताया। ग्रामीणों ने कहा कि जमीन अवाप्ति के दौरान अधिकारियों ने उन्हें आईसीडी में नौकरी देने का भी आश्वासन दिया था, लेकिन इस वायदे को पूरा नहीं किया गया है। इसके लिए उन्होंने उच्च न्यायालय में भी गुहार की है। ग्रामीणों ने आईसीडी प्रबन्धन पर वादा खिलाफी के आरोप लगाए।

ग्रामीण विजेन्द्र सिंह, सुमेरसिंह, माधोसिंह, लच्छी, अमरसिंह आदि का कहना था कि मुआवजे की उनकी करीब साढ़े 32 लाख रूपए की राशि बकाया है। इसके अलावा अन्य खातेदारों को भी पूरा मुआवजा नहीं मिला है। इस बारे में जब उन्हें संतोषजनक जवाब नहीं मिला तो उन्होंने आईसीडी मैनेजर को खरीखोटी सुनाई।

मामला यहीं नहीं थमा गेट से बाहर निकलने की कोशिश कर रहे मैनेजर को धकेलते हुए वापस अंदर ले गए। नौबत धक्का-मुक्की तक पहुंच गई। करीब एक घंटे तक आईसीडी के मुख्य द्वार पर ग्रामीणों और मैनेजर के बीच जद्दोजहद होती रही। बाद में मैनेजर के उनकी मांगों को उच्च स्तर तक पहुंचाने के आश्वासन के बाद ही ग्रामीण शांत हुए।

रिमोट से किया उद्घाटन
पश्चिम मध्य रेलवे जबलपुर जोन के महाप्रबन्धक रमेश चन्द्रा ने दोपहर करीब 12.35 बजे सालपुरा स्टेशन से रिमोट का बटन दबाकर आईसीडी में शिला पटि्टका का अनावरण किया।


इस दौरान कोटा मण्डल की परिचालन प्रबन्धक प्रियंका दीक्षित सहित वरिष्ठ मण्डल अभियंता भरतपुर के सहायक मण्डल संकेत एवं दूरसंचार अभियंता व स्थानीय रेलवे स्टेशन के रेलवे अधिकारी मौजूद रहे। उल्लेखनीय है कि तीन वर्ष पहले 5 अप्रेल को तत्कालीन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कंटेनर डिपो का शिलान्यास किया था।

मीडियाकर्मियों को रोका
कार्यक्रम को गोपनीय रखने के लिए मीडियाकर्मियों को भी सूचना नहीं दी गई। जब कुछ मीडियाकर्मी कार्यक्रम में पहुंचे तो उन्हें बिना बुलाए क्यों आए की बात कह वापस भेज दिया। सार्वजनिक समारोह में निजता की हद तो उस समय पार हो गई, जब रेलवेकर्मियों के अंदर पहुंचते ही मुख्य द्वार पर ताला लगा गार्ड तैनात कर दिए गए, जिससे अन्य कोई प्रवेश ही नहीं कर सके।

रेलमंत्री को भेजा ज्ञापन
कार्यक्रम में पहुंचे भाजयुमो व बजरंग दल कार्यकर्ताओं को मुख्य द्वार पर रोकने से रोष व्याप्त हो गया। भाजयुमो के विजय पाण्डेय व बजरंग दल जिला सहसंयोजक विशाल चतुर्वेदी के नेतृत्व में कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन कर रेलमंत्री को फैक्स से ज्ञापन भेज आईसीडी का गुपचुप उद्घाटन की शिकायत की है।

नो कमेन्टस…
आईसीडी के प्रोजेक्ट मैनेजर मामराज सिंह ने बताया कि वे इस बारे कोई कमेन्टस नहीं करेंगे। वे न तो उद्घाटन की जानकारी देंगे और न ही ग्रामीणों के विरोध के बारे में कुछ बताएंगे।
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