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करौली

मुफ्त में चल रहा रोडवेज स्टैण्ड

राजस्थान
राज्य पथ परिवहन निगम नगरपरिषद की भूमि का बस स्टैण्ड के लिए मुफ्त में उपयोग कर
रहा

करौलीMar 28, 2015 / 12:22 am

शंकर शर्मा

हिण्डौनसिटी। राजस्थान राज्य पथ परिवहन निगम नगरपरिषद की भूमि का बस स्टैण्ड के लिए मुफ्त में उपयोग कर रहा है। मजे की बात यह है कि इस भूमि का 38 वर्षो में रोडवेज ने मात्र एक माह का किराया शुरूआत में चुकाया है इसके बाद से किराये की राशि अधिक बताकर निगम भूमि किराए के भुगतान को टालता रहा है। दर्जनो बार पत्रावलियों के आदान-प्रदान के बाद भी निगम 38 साल से नगर परिषद द्वारा तय किराया राशि को अधिक बताते हुए रियायत देने पर अड़ा है।

वर्ष 1976 में सिवायचक भूमि पर रोडवेज ने बस स्टैण्ड की शुरूआत की थी। बाद में 18 नवम्बर 1983 को राजस्व विभाग की ओर से जारी आदेश के अनुसार यह भूमि नगर परिषद को हस्तांतरित कर दी गई। इस पर नगर परिषद ने 14 दिसम्बर 1983 को पत्र जारी कर निगम से वर्ष 1976 से 83 तक दो लाख 598 रूपए किराए के रूप में जमा कराने को कहा, लेकिन निगम ने अनसुना कर दिया।

निगम ने 10 अप्रेल 89 को परिषद को पत्र भेज एक रूपए प्रति बस ट्रिप के हिसाब से किराया चुकाने पर सहमति जताई, जिसे नगर परिषद ने नकार दिया। बाद में नगर परिषद 26 हजार 452 रूपए प्रति वर्ष के हिसाब से किराया मांगने लगी। इस राशि को देने से रोडवेज निगम ने मना कर दिया। अब 20 नवम्बर 13 को तत्कालीन शासन उप सचिव ताराचन्द मीणा ने नगर परिषद से बस स्टैण्ड के 10 रूपए प्रतिदिन प्रति ट्रिप के हिसाब से वसूले जाने के आदेश जारी किए। इसके जवाब में रोडवेज निगम ने दो रूपए प्रति ट्रिप के हिसाब से देने की बात कही। जिसे परिषद ने अस्वीकार कर दिया।

कलक्टर की कोशिश भी बेकार

परिषद द्वारा किराए बतौर मांगी जाने वाली राशि को रोडवेज निगम द्वारा नहीं चुकाने पर वष्ाü 2007 में तत्कालीन कलक्टर ने दोनों में सहमति बनाने के प्रयास किए। इसमें परिषद को 20 लाख देने पर जमीन को निगम को हस्तांतरित करने की बात कही गई, लेकिन परिषद इसके साथ में 10 वर्ष की लीज के 8 लाख 59 हजार 380 रूपए एकमुश्त जमा कराने की मांग पर अड़ गई। इससे मामला और उलझ गया।

छह हजार रूपए प्रतिमाह किराया देने के थे निर्देश

वर्ष 1992 में करौली व सवाईमाधोपुर एक ही जिला होने पर सवाईमाधोपुर कलक्टर ने निगम को 6 हजार रूपए प्रतिमाह के हिसाब से किराया चुकाने के निर्देश दिए। रोडवेज निगम ने वर्ष 1992 में जुलाई माह का किराया 6 हजार रूपए परिषद को जमा करा दिए, लेकिन बाद में निगम ने एक रूपया भी नहीं दिया।

इनका कहना है

नगर परिषद आयुक्तजितेन्द्र शर्मा ने बताया कि रोडवेज निगम से बस स्टैण्ड की जमीन का किराया चुकाने को कई बार कहा गया है, लेकिन किराया अदा नहीं किया गया। अब और पत्र भेजा जाएगा। वहीं, रोडवेज आगार हिण्डौनसिटी मुख्य प्रबन्धक रमेशचन्द शर्मा ने बताया कि उन्होंने कुछ दिन पहले ही ज्वाइन किया है। मामले की उन्हें जानकारी नहीं है।


राजेश जैन
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