अलापन बंद्योपाध्याय को अस्थाई राज्य चुनाव आयुक्त बनाए जाने के खिलाफ कलकत्ता हाईकोर्ट में दायर याचिका
कोलकाता
आईएएस अधिकारी अलापन बंद्योपाध्याय को अस्थाई राज्य चुनाव आयुक्त बनाए जाने के खिलाफ कलकत्ता हाईकोर्ट में दायर याचिका पर सुनवाई गुरुवार को अधूरी रही। शुक्रवार को फिर सुनवाई होगी। विधाननगर नगर निगम क्षेत्र के मतदाता अमिताभ मजूमदार ने पश्चिम बंगाल सरकार के इस फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती दी है।
न्यायाधीश दीपंकर दत्त की अदालत में याचिकाकर्ता की तरफ से पैरवी करते हुए बैरिस्टर समरादित्या पाल ने कहा कि कार्यवाहक चुनाव आयुक्त के जरिए निष्पक्ष चुनाव संभव नहीं है। अलापन बंद्योपाध्याय आईएस अधिकारी हैं। स्थाई चुनाव आयुक्त की नियुक्ति होने के बाद दुबारा उन्हें राज्य सरकार के अधीन काम करना पड़ेगा। ऐसी स्थिति में वे निष्पक्ष होकर सरकार अथवा सत्तारूढ़ दल के खिलाफ कोई फैसला नहीं कर पाएंगे।
उन्होंने पश्चिम बंगाल निर्वाचन आयोग कानून-1994 की धारा 3 (2) एबी को भी असंवैधानिक बताया और इसे निरस्त करने की अपील की।
वाममोर्चा के शासन काल में यह कानून बनाया गया था। कानून के अनुसार राज्य चुनाव आयुक्त के इस्तीफा देने, बीमार होने अथवा किसी कारण से लम्बी छुट्टी पर जाने पर अस्थाई चुनाव आयुक्त नियुक्त करने का अधिकार प्राप्त है।
उल्लेखनीय है कि शनिवार को निकाय चुनाव में बड़े पैमाने पर हिंसा और कथित धांधली को लेकर जबर्दस्त राजनीतिक दबाव से परेशान होकर राज्य चुनाव आयुक्त एस. आर. उपाध्याय ने इस्तीफा दे दिया। इसके बाद राज्य सरकार ने परिवहन विभाग के प्रधान सचिव अलापन बंद्योपाधयाय को अस्थाई राज्य चुनाव आयुक्त नियुक्त किया है।